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केंद्रीय विवि में नए कुलानुशासक ने किया योगदान, कुलपति ने बेहतर विकास और अनुशासन की उम्मीद जताई

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के प्रोफ़ेसर उमेश कुमार सिंह को विश्वविद्यालय को प्रॉक्टर बनाया गया है। पीआरओ मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि विवि के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने 43 वें बैठक में प्रोफेसर सिंह को तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए कुलानुशासक मनोनीत किया है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 03:51 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 03:51 PM (IST)
विवि में नए कुलानुशासक का स्वागत करते लोग। जागरण।

संवाद सहयोग, टिकारी (गया)। दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के प्रोफ़ेसर उमेश कुमार सिंह को विश्वविद्यालय को नया कुलानुशासक (प्रॉक्टर) बनाया गया है। जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो० मुदस्सीर आलम ने बताया कि विवि के कार्यकारी परिषद (एक्जेक्यूटिव कॉउंसिल) के सदस्यों ने 43 वें बैठक में प्रोफेसर सिंह को तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए कुलानुशासक मनोनीत किया है। कुलपति प्रो. हरिश्चंद्र सिंह राठौर ने नए कुलानुशासक को बधाई देते हुए आशा जताई कि प्रो. सिंह अपने पुर्वानुभव का उपयोग करके 300 एकड़ में बने विवि के ग्रीन कैंपस में छात्रों के अंदर अनुशासन एवं उनके चरित्र निर्माण में अहम योगदान देंगे।

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पूर्व कुलानुशासक प्रो. कौशल किशोर ने प्रो० सिंह को कार्यभार सौंपते हुए उनका स्वागत किया और उन्हें कार्यभार से जुड़े तमाम चुनौतियों से अवगत कराया।   प्रो० किशोर ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि प्रो. सिंह के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय का प्रोक्टोरियल बोर्ड असीम उचाइयों को प्राप्त करेगा। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के भवन, कैंटीन एवम् मेस में कचड़ा प्रबंधन प्रणाली बनाने और कैंपस में प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने जैसे कई अहम सुझाव भी दिए। कार्यक्रम में मौजूद छात्र कल्याण अधिष्ठाता एवम् मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आतिश पराशर ने उन्हें विश्वविद्यालय के तमाम भौतिक, प्रशाशनिक, आधिकारिक और छात्र संबंधित विषयों एवम् नियमावली से अवगत कराया । उन्होंने कहा कि प्रो. उमेश के लिए यह कार्यभार भले हीं नया है पर पर्यावरणविद के रूप में उनके अनुभव व्यापक हैं जिसका लाभ विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को अवश्य होगा।

कार्यक्रम के सदस्यों को संबोधित करते हुए प्रो. सिंह ने आश्वस्त किया कि वो विश्वविद्यालय के तमाम विभागों से सहकारिता स्थापित कर अपने कार्यभार का निष्ठा पूर्वक निर्वाहन करने को दृढ़ संकल्पित हैं । प्रो सिंह ने कहा अनुशासन मानव को मानवता के उस क्षितिज पर ले जाता है जहाँ से व्यक्ति को समाज और सबका सह अस्तित्व प्रमुख विषय लगने लगते हैं और स्व का अंत हो जाता है। उन्होंने कहा कि वो पूर्व कुलानुशासक द्वारा दिए गए सुझावों का भी क्रियान्वयन करेंगे एवं विश्वविद्यालय में अनुशासन और परस्पर सौहार्द बनाए रखने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगे।

पर्यावरण के क्षेत्र में प्रो. सिंह का 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से प्रर्यावरण विज्ञान में एंफिल एवम् पाईसीएचडी करने के बाद उन्होंने अमेरिका के कंसास राजकीय विश्वविद्यालय के सिविल इंजिनियरिंग विभाग से पोस्ट डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त किया। सीयूएसबी में चयन होने से पहले वें विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन के इंटीग्रेटेड साइंस एंड रिसर्च विभाग में 11 वर्षों तक कार्यरत रहें। पर्यावरण, प्रदूषण एवम् स्वास्थ्य पर उनके प्रभावों जैसे विभिन्न विषयों पर उन्होंने विस्तृत शोध कर जल से फ्लोराइड निकालने की विधि में पेटेंट प्राप्त किया।  शोध के छेत्र में उनके अहम योगदान के लिए प्रो. सिंह को कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत भी किया गया ।

कार्यकारी परिषद ने डॉ. विपिन कुमार सिंह (सह प्राध्यापक, अंग्रेजी विभाग) को बॉयज हॉस्टल का चीफ वार्डन नियुक्त किया है जबकि डॉ० लखविंदर सिंह (सहायक प्राध्यापक, भौतिकी विभाग) एवं डॉ. चंदन श्रीवास्तव (सहायक प्राध्यापक, शिक्षक शिक्षा विभाग) को वार्डन मनोनीत किया है। वहीँ गर्ल्स हॉस्टल के चीफ वार्डन के पद पर डॉ० रचना विश्वकर्मा (सहायक प्राध्यापिका, कॉमर्स विभाग), डॉ० लोंगियाम कबिता चानू (सहायक प्राध्यापिका, जियोलॉजी एवं डॉ० कविता सिंह (सहायक प्राध्यापिका, शिक्षक शिक्षा विभाग) को वार्डन बनाया गया है। पर्यावरण विभाग के डॉ० राजेश कुमार रंजन को गेस्ट हाउस इंचार्ज के तौर पर तीन वर्ष के लिए ज़िम्मेदारी दी गई है।


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