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    Rahu Ketu Gochar 2025: 18 मई को राहु-केतु करेंगे गोचर, कन्या वाले पार कर ले जाएंगे हर बाधा

    18 मई 2025 को राहु देव कुंभ राशि में आपके षष्ठ भाव में प्रवेश करेंगे जबकि केतु देव सिंह राशि में आपके द्वादश भाव में संचरण करेंगे। सामान्यतः षष्ठ-द्वादश भाव की धुरी को चुनौतीपूर्ण माना जाता है। मगर राहु-केतु जैसे तीव्रगामी ग्रहों के लिए यह स्थिति अपेक्षाकृत अनुकूल माने जाते हैं।

    By Jagran News Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Sat, 17 May 2025 08:15 AM (IST)
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    Rahu Ketu Gochar 2025: पढ़िए जिंदगी में क्या बदलाव लाने वाला है राहु-केतु का गोचर।

    आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। राहु-केतु के इस गोचर Rahu Ketu transit 2025 के दौरान राहु-केतु के प्रतिस्पर्धात्मक स्वभाव को सशक्त करेगा। यह गोचर आपकी कार्यशीलता में वृद्धि लाएगा और बाधाओं को पार करने की क्षमता को बल प्रदान करेगा। 

    इसके साथ ही मानसिक शांति में कुछ उतार-चढ़ाव संभव है। उचित वित्तीय योजना के माध्यम से लाभ की संभावनाएं भी प्रबल होंगी। ज्योतिषाचार्य आनंद सागर पाठक राहु-केतु गोचर 2025 और मेष राशि पर होने वाले प्रभाव Rahu Ketu impact 2025 की विस्तृत विवेचना प्रस्तुत कर रहे हैं।

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    करियर पर प्रभाव 

    षष्ठ भाव में स्थित राहु देव करियर उन्नति के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं, विशेष रूप से वे जातक जो प्रतियोगी क्षेत्र, सरकारी सेवा, न्यायिक कार्य अथवा चिकित्सा से जुड़े हैं, उन्हें विशेष लाभ की संभावनाएं रहेंगी। आप प्रतिस्पर्धियों को पराजित कर सकते हैं, कार्यस्थल पर विवादों का समाधान कर सकते हैं। 

    आप अपने परिश्रम के लिए सम्मान प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान नई नौकरी, पदोन्नति अथवा व्यावसायिक प्रगति के संकेत प्रबल रहेंगे। दूसरी ओर, द्वादश भाव में स्थित केतु देव संकेत करते हैं कि अत्यधिक कार्यभार के कारण मानसिक थकान उत्पन्न हो सकती है। 

    इसलिए यह आवश्यक है कि आप कार्य और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखें। साथ ही कार्यस्थल पर अनावश्यक विवादों से स्वयं को दूर रखें।

    वित्त पर प्रभाव 

    वित्तीय दृष्टिकोण से यह गोचर लाभ और अप्रत्याशित व्ययों का मिश्रण लेकर आएगा। राहु देव का षष्ठ भाव में स्थित होना ऋण स्वीकृति, कर्ज़ मुक्ति और अनुशासित प्रयासों के माध्यम से वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए अत्यंत अनुकूल संकेत देता है। 

    यदि आप लंबे समय से किसी आर्थिक दबाव में थे, तो अब उस बोझ को हल्का करने का उत्तम समय आ चुका है। हालांकि, द्वादश भाव में विराजमान केतु देव के प्रभाव से अचानक होने वाले खर्च, छुपे हुए नुकसान या यात्राओं व आध्यात्मिक गतिविधियों पर अत्यधिक व्यय की संभावना रहेगी। ऐसे में भावनात्मक निर्णयों से बचें और दीर्घकालीन बचत पर ध्यान केंद्रित करें।

    स्वास्थ्य पर प्रभाव 

    आपके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को विशेष देखभाल की आवश्यकता होगी। राहु देव का षष्ठ भाव में गोचर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बल प्रदान करेगा और पूर्व की बीमारियों से उबरने में सहायक रहेगा।

    परंतु, द्वादश भाव में केतु देव की उपस्थिति से कार्य संबंधित तनाव, चिंता तथा नींद की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अतः अत्यधिक सोच-विचार, देर रात तक काम करना और मानसिक थकावट से स्वयं को दूर रखें। ध्यान, योग एवं आध्यात्मिक अनुशासन आपके लिए आंतरिक शांति बनाए रखने का उत्तम माध्यम बन सकते हैं।

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    परिवार एवं संबंधों पर प्रभाव 

    परिवारिक मामलों में यह गोचर मिश्रित फलदायी रह सकता है। राहु देव का षष्ठ भाव में स्थित होना कुछ कानूनी विवादों या रिश्तेदारों से गलतफहमियों का कारण बन सकता है, जबकि केतु देव का द्वादश भाव में गोचर मानसिक दूरी या आत्मिक एकाकीपन की स्थिति ला सकता है।

    यदि आप किसी संबंध में हैं, तो अत्यधिक व्यस्तता के चलते जीवनसाथी या प्रियजन उपेक्षित महसूस कर सकते हैं। ऐसे में अपने अपनों को समय देना, संवाद को बेहतर बनाना और स्नेहपूर्ण व्यवहार बनाए रखना संबंधों को मजबूती देगा।

    शिक्षा एवं अध्ययन पर प्रभाव 

    विद्यार्थियों के लिए यह समय प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च शिक्षा के लिए अत्यंत लाभकारी रह सकता है। षष्ठ भाव में स्थित राहु देव आपके मनोबल, एकाग्रता और समस्या-समाधान क्षमता को प्रबल बनाएंगे, जिससे सरकारी सेवाओं या प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त होने की संभावनाएं रहेंगी।

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    हालांकि, द्वादश भाव में स्थित केतु देव के कारण अध्ययन में ध्यान की कमी, विलंब करने की प्रवृत्ति या प्रेरणा की कमी अनुभव हो सकती है। ऐसे में अनुशासित अध्ययन योजना बनाए रखना और अनावश्यक विचलनों से दूर रहना अत्यंत आवश्यक होगा।

    (अगर आप श्री आनंद सागर पाठक को कोई फीडबैक देना चाहते हैं तो hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं।)

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