Rahu Ketu Gochar 2025: 18 मई को राहु-केतु करेंगे गोचर, सिंह के जातक धैर्य और विवेक से अपनाएं बदलाव
18 मई 2025 को सिंह लग्न वाले जातकों के लिए राहु देव कुंभ राशि में सप्तम भाव में और केतु महाराज सिंह राशि में प्रथम भाव में प्रवेश करेंगे। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण धुरी (प्रथम-सप्तम) है जो स्वयं और साथी से संबंधित होती है और अब इसे दो प्रमुख छाया ग्रह प्रभावित करेंगे।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। राहु-केतु के इस गोचर Rahu Ketu transit 2025 के दौरान यह गोचर आपके वैवाहिक जीवन, व्यक्तिगत विकास, आर्थिक स्थिरता और स्वास्थ्य पर प्रभाव डालेगा। इस परिवर्तन को धैर्य और विवेक से अपनाना अत्यंत आवश्यक रहेगा।
विशेष ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि अग्नि तत्व के ग्रह केतु देव का यह गोचर अग्नि राशि सिंह में हो रहा है। इसके अतिरिक्त, 7 जून से 28 जुलाई 2025 तक मंगल भी सिंह राशि में केतु देव के साथ स्थित रहेंगे, जिससे आपके प्रथम भाव में अग्नि ऊर्जा की तीव्रता बनी रहेगी।
ऐसे में जरूरी है कि आप धैर्य बनाए रखें और गुस्से पर काबू रखें। ज्योतिषाचार्य आनंद सागर पाठक राहु-केतु गोचर 2025 और मेष राशि पर होने वाले प्रभाव Rahu Ketu impact 2025 की विस्तृत विवेचना प्रस्तुत कर रहे हैं।
करियर पर प्रभाव
इस अवधि में आपके पेशेवर जीवन में परिवर्तन की संभावनाएं बन रही हैं। सप्तम भाव में स्थित राहु देव व्यापारिक सहयोग, नई साझेदारियों और विदेश से जुड़ी संभावनाओं को प्रबल कर सकते हैं। व्यापारी जातकों को विदेशी डील्स के माध्यम से विस्तार का अवसर मिल सकता है।
वहीं, नौकरीपेशा जातकों को नेटवर्किंग और रणनीतिक संबंधों के कारण सम्मान या प्रगति प्राप्त हो सकती है। हालांकि, प्रथम भाव में विराजमान केतु महाराज स्वाभाव में अत्यधिक आत्मनिर्भरता या सहायता लेने में झिझक उत्पन्न कर सकते हैं।
ऐसी परिस्थितियों में कार्य की गति में बाधा आ सकती है। इस समय संतुलन बनाए रखना जरूरी है। सहयोग को अपनाएं, लेकिन अपनी नेतृत्व क्षमता को भी बनाए रखें।
वित्त पर असर
आर्थिक दृष्टि से यह गोचर लाभ एवं अनिश्चितताओं का मिश्रण रहेगा। सप्तम भाव में स्थित राहु देव साझेदारी, कॉन्ट्रैक्ट्स अथवा विदेशी सौदों के माध्यम से आय के नए स्रोत निर्मित कर सकते हैं।
परंतु अचानक खर्चों या असंतुलित निवेश की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। प्रथम भाव में स्थित केतु महाराज भौतिक संपदा के प्रति उदासीनता ला सकते हैं, जिससे अनियोजित खर्च या धन-संचय में कठिनाई हो सकती है।
इसलिए जरूरी यह है कि व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं। अनुभवी वित्त सलाहकार से परामर्श लें और बचत पर ध्यान केंद्रित करें।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
इस गोचर काल में आपकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। प्रथम भाव में स्थित केतु महाराज आपके भीतर ऊर्जा की कमी, आत्म-संदेह, या लक्ष्यहीनता जैसी स्थितियां उत्पन्न कर सकते हैं।
मानसिक तनाव से संबंधित समस्याएं जैसे सिरदर्द, चिंता या पाचन से जुड़ी परेशानियां भी सामने आ सकती हैं। सप्तम भाव में स्थित राहु देव इंगित करते हैं कि संबंधों में असंतुलन का प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
इसलिए जीवनशैली को संतुलित बनाना आवश्यक है। नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार तथा ध्यान और योग जैसे मानसिक संतुलन बढ़ाने वाले उपाय सहायक सिद्ध होंगे।
पारिवारिक और संबंधों पर प्रभाव
इस काल में आपके पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में बदलाव की संभावनाएं रहेंगी। सप्तम भाव में राहु देव की स्थिति नई जान-पहचान और साझेदारी में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का संकेत देती है। यदि आप किसी संबंध में हैं तो पारदर्शिता और संवाद की आवश्यकता रहेगी।
विवाहित जातकों को विश्वास और स्पष्ट वार्तालाप के माध्यम से वैवाहिक जीवन को संतुलित बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। केतु महाराज प्रथम भाव में आपकी प्रवृत्ति को अंतर्मुखी बना सकते हैं, जिससे आप अत्यधिक आत्म-निर्भर बन सकते हैं या भावनात्मक दूरी बन सकती है। रिश्तों में मधुरता लाने के लिए सजीव उपस्थिति और खुले मन से भावनाओं को व्यक्त करना आवश्यक रहेगा।
शिक्षा और अध्ययन पर असर
विद्यार्थियों के लिए यह गोचर अनुशासन और एकाग्रता की परीक्षा लेने वाला होगा। सप्तम भाव में राहु देव उच्च शिक्षा, विदेशी अध्ययन अथवा प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की संभावनाएँ लेकर आते हैं। वहीं, प्रथम भाव में स्थित केतु महाराज स्व-शंका या ध्यान में भटकाव का कारण बन सकते हैं।
इस समय आपको एक सुनियोजित अध्ययन पद्धति, योग्य मार्गदर्शक का सहयोग, और आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जिससे आप शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
(अगर आप श्री आनंद सागर पाठक को कोई फीडबैक देना चाहते हैं तो hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं।)
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