Guru Gochar 2025: 14 मई को मिथुन में गोचर करेंगे बृहस्पति, पढ़िए वृष राशि के लिए कैसा रहेगा समय
देव गुरु बृहस्पति विस्तार और नैतिकता के प्रतीकात्मक ग्रह हैं। वह 14 मई 2025 को मिथुन राशि में गोचर करेंगे और वृषभ राशि के जातकों पर यह द्वितीय भाव के माध्यम से प्रभाव डालेंगे। एस्ट्रोपत्री के ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद सागर पाठक से जानिए इस दौरान वृष राशि के जातकों को मिलेंगी क्या सौगातें और किन क्षेत्रों को लेकर रहना है सावधान।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। वृषभ लग्न जातकों की कुंडली में बृहस्पति अष्टम (परिवर्तन, साझे संसाधन) और एकादश (लाभ, सामाजिक नेटवर्क) भावों के स्वामी हैं और वृषभ राशि के लिए इन्हें अनिष्टकारी या बाधक ग्रह माना जाता है |
यह गोचर विशेष रूप से करियर, वित्त, परिवार, स्वास्थ्य, और शिक्षा पर प्रभाव डालेगा। इसकी दृष्टि से छठे भाव (कार्य, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा), अष्टम भाव (अचानक परिवर्तन, गहरे परिवर्तन), और दशम भाव (करियर, स्थिति, पेशा) प्रभावित होंगे।
मिथुन राशि में वह तेज गति से चलते हुए अक्टूबर 2025 में कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ज्योतिषाचार्य आनंद सागर पाठक (astropatri.com) ने 6 महीनों के इस गोचर का वृष राशि पर पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया है। जानिए इस गोचर का क्या पड़ेगा असर…
करियर पर प्रभाव
द्वितीय भाव में बृहस्पति का गोचर पेशेवर वृद्धि को बढ़ावा देता है, विशेष रूप से संचार, नेतृत्व, और वित्तीय प्रबंधन में। इसका दशम भाव पर दृष्टि करियर की संभावनाओं को बेहतर बनाती है, जिससे यह प्रमोशन, व्यापार विस्तार, और पेशेवर पहचान का अच्छा समय बनता है, विशेष रूप से वित्त, बैंकिंग, शिक्षा, और सार्वजनिक भाषण जैसे क्षेत्रों में।
छठे भाव का दृष्टि कार्य स्थिरता सुनिश्चित करता है, जिससे वृषभ जातकों को कार्यस्थल पर चुनौतियों को पार करने में मदद मिलती है। अष्टम भाव का दृष्टि अप्रत्याशित करियर बदलाव, शोध आधारित पेशों में अवसर या साझेदारी के अवसर ला सकता है।
वित्त पर प्रभाव
द्वितीय भाव में बृहस्पति का स्थान वित्तीय वृद्धि को प्रभावित करता है जैसे वेतन वृद्धि, निवेश, और बेहतर संपत्ति प्रबंधन।
छठे भाव का दृष्टि ऋणों को समाप्त करने और वित्तीय योजना को सही दिशा में बढ़ाने में मदद करता है। अष्टम भाव में बृहस्पति का दृष्टि विरासत, बीमा, या व्यापार साझेदारी के माध्यम से लाभ ला सकता है।
दशम भाव का दृष्टि करियर से संबंधित आय को बढ़ाता है, जिससे यह वेतन वृद्धि, व्यापार विस्तार, और सरकारी वित्तीय लाभ के लिए एक अनुकूल समय बनता है।
परिवार और रिश्तों पर प्रभाव
बृहस्पति का गोचर पारिवारिक बंधनों और घरेलू वित्तीय स्थिरता को मजबूत करता है। वृषभ जातक अपने परिवार की भलाई के लिए अधिक जिम्मेदारियां ले सकते हैं।
छठे भाव का दृष्टि विवादों और गलतफहमियों को सुलझाने में मदद करता है, जबकि अष्टम भाव का बृहस्पति दृष्टि रिश्तों में भावनात्मक परिवर्तन और उपचार को बढ़ावा देता है। कुछ वृषभ जातक व्यक्तिगत संबंधों की एक नई समझ का अनुभव कर सकते हैं।
दशम भाव का दृष्टि सामाजिक स्थिति को बढ़ाता है और परिवार की प्रतिष्ठा को मजबूत करता है, जिससे यह परिवारिक मिलनसार बैठकों और सामंजस्य बढ़ाने का अच्छा समय बनता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
बृहस्पति का गोचर बेहतर पोषण, आत्म-देखभाल, और समग्र भलाई को बढ़ावा देता है। छठे भाव का दृष्टि पिछले स्वास्थ्य समस्याओं से उबरने में मदद करता है और अनुशासित फिटनेस दिनचर्या को बढ़ावा देता है।
अष्टम भाव का दृष्टि अचानक स्वास्थ्य परिवर्तन के प्रति सतर्क रहने की सलाह देता है, जिससे निवारक देखभाल आवश्यक हो जाती है।
दशम भाव का दृष्टि कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, तनाव को कम करता है और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
यह भी पढ़ें- Guru Gochar 2025: 14 मई को मिथुन में गोचर करेंगे बृहस्पति, मेष राशि के लिए करियर से फाइनेंस तक कैसा रहेगा समय
शिक्षा पर प्रभाव
छात्रों को बृहस्पति के प्रभाव से बोलने, स्मृति, और अध्ययन क्षमता में लाभ होता है। छठे भाव का दृष्टि प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा में सफलता को बढ़ावा देता है।
वहीं, अष्टम भाव का दृष्टि अनुसंधान और विश्लेषणात्मक कौशल को मजबूत करता है। दशम भाव का दृष्टि करियर-उन्मुख शिक्षा का समर्थन करता है, जिससे यह उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए एक आदर्श समय बनता है।
यह भी पढ़ें- Budh Gochar 2025: मकर राशि वालों का घर और परिवार पर रहेगा फोकस, संपत्ति खरीदने की बना सकते हैं योजना
इन बातों पर रखें ध्यान
14 मई 2025 से बृहस्पति देव का मिथुन राशि में द्वितीय भाव से गोचर वृषभ जातकों के लिए आर्थिक स्थिरता, करियर में प्रगति और संबंधों में सुधार लेकर आ रहा है। इनकी दृष्टि 6वें, 8वें और 10वें भाव पर पड़ रही है, जो पेशेवर सफलता, स्वास्थ्य में सुधार और व्यक्तिगत रूप से गहरे परिवर्तन को समर्थन देती है।
वृषभ राशि के जातकों को इस अवधि में आर्थिक योजना, करियर विकास और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
नकारात्मक प्रभाव के लिए करें ये उपाय
- हर गुरुवार को भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
- रोजाना “ॐ बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। मिलेगी गुरु की कृपा।
(अगर आप श्री आनंद सागर पाठक को कोई फीडबैक देना चाहते हैं तो hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं।)
ये भी पढ़ें -
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।