शर्मनाक; चित्रकूट के इस गांव में पांच किमी रास्ता नहीं...एंबुलेंस के इंतजार में युवक की टूट गईं सांसें
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के मानिकपुर में सड़क न होने के कारण एक युवक की मौत हो गई। एंबुलेंस खराब रास्तों के कारण गाँव तक नहीं पहुंच पाई। युवक को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई जिसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और सड़क बनवाने की मांग की।

संवाद सहयोगी, जागरण, मानिकपुर (चित्रकूट)। उत्तर प्रदेश में शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। गांवों तक विकास के दावों की पोल खुल रही है। चित्रकूट के मानिकपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया। रास्ता न होने की वजह से गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंची जिससे मरीज की मौत हो गई।
गांव तक संपर्क मार्ग के अभाव में एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी और बीमार युवक ने दम तोड़ दिया। दूसरी ओर, 108 एंबुलेंस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सोनेंद्र शुक्ला ने बताया कि उनके पास काल नहीं आई थी। बीडीओ पवन सिंह का कहना है कि ग्राम पंचायत चंद्रामारा से मजरा धौबहरा की दूरी पांच किमी है। दोनों के बीच वन विभाग का जंगल होने से सड़क नहीं बन पा रही है। प्रधान जगमोहन ने बताया कि मजरे में संपर्क मार्ग नहीं है। यह जंगल क्षेत्र में स्थित है और ओहन बांध के परिक्षेत्र में आता है, इसलिए सड़क निर्माण नहीं हो पाया।
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मानिकपुर की ग्राम पंचायत चंद्रामारा के मजरा धोबहरा निवासी 20 वर्षीय मोहित आदिवासी पुत्र राजा आदिवासी की तबीयत एक सप्ताह से खराब चल रही थी। मजरा धोबराहा से मानिकपुर सीएचसी की दूरी नौ किमी है। युवक का इलाज गांव से आठ किमी दूर सरैयां में निजी डाक्टर के यहां चल रहा था। रविवार शाम उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो स्वजन ने एंबुलेंस सेवा 108 को काल किया। मगर, पांच किमी कच्चे और खराब रास्ते के कारण एंबुलेंस मजरे तक नहीं पहुंची।
स्वजन काफी देर तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। देर शाम करीब सात बजे मोहित को कंधे पर लेकर लोग अस्पताल ले जाने लगे, तभी रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। आक्रोशित स्वजन चंद्रामारा पहुंचे और पंचायत भवन में शव रखकर विरोध करने लगे, लेकिन प्रधान जगमोहन ने शव रखने पर विरोध जताया। इस पर कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति बन गई।
प्रधान ने बताया कि बरसात में रास्ता और भी ज्यादा खराब हो जाता है जिससे एंबुलेंस जैसे जरूरी वाहन नहीं पहुंच पाते। स्वजन ने शव को कपड़े की झोली बनाकर कंधे पर लादकर गांव तक पहुंचाया।
स्वजन और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मजरे तक जल्द से जल्द संपर्क मार्ग बनाया जाए, ताकि भविष्य में किसी की जान सिर्फ रास्ते के अभाव में न जाए। मानिकपुर सीएचसी प्रभारी डा. शेखर वैश्य ने बताया कि युवक का अस्पताल में इलाज नहीं हुआ है।
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