Mussoorie Car Accident: मुरादाबाद से दोस्तों से मिलने आए आशुतोष के लिए लांग ड्राइव बनी 'लास्ट राइड', इस कारण काल के गाल में समाए पांच दोस्त
Mussoorie Car Accident दोस्तों से मिलने देहरादून पहुंचे आशुतोष पांच दोस्तों को साथ लेकर लांग-ड्राइव पर मसूरी जा रहे थे लेकिन उन पांचों को क्या पता था कि वह वहां से जीवित नहीं लौट पाएंगे। मसूरी कार दुर्घटना में पांच छात्र-छात्राओं की मौत के बाद जब परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया तो मार्ग एकदम दुरुस्त मिला।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Mussoorie Car Accident: मुरादाबाद से दोस्तों से मिलने देहरादून पहुंचे आशुतोष को क्या पता था कि वह अपनी फोर्ड एंडेवर कार से जिन पांच दोस्तों को साथ लेकर जिस लांग-ड्राइव पर मसूरी जा रहा है, वहां से वह जीवित नहीं लौटेगा।
मसूरी कार दुर्घटना में पांच छात्र-छात्राओं की मौत के बाद जब परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया तो मार्ग एकदम दुरुस्त मिला। मार्ग करीब 19 फीट चौड़ा है, जिसमें साढ़े 14 फीट पक्का भाग है। प्रारंभिक जांच में तकनीकी टीम को अनुमान है कि मार्ग पर मोड़ के बाद तीव्र ढाल के कारण चालक कार पर नियंत्रण नहीं कर पाया।
अनुमान यह भी है कि संभवत: चालक की तरफ वाला अगला टायर पंचर होने से कार पैराफिट को तोड़कर नीचे जा गिरी। दुर्घटना के संभावित कारणों समेत दुर्घटनास्थल पर सुधार को लेकर टीम ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है।
किया दुर्घटनास्थल का तकनीकी निरीक्षण
मसूरी दुर्घटना के बाद जिलाधिकारी/जिला सड़क सुरक्षा समिति की अध्यक्ष सोनिका के निर्देश पर संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी और संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) अरविंद यादव ने झड़ीपानी पहुंचकर दुर्घटनास्थल का तकनीकी निरीक्षण किया।
दुर्घटना मसूरी-देहरादून मुख्य मार्ग से एक किमी पहले झड़ीपानी में हुई। दुर्घटनास्थल की जांच के बाद संभागीय परिवहन अधिकारी तिवारी ने बताया कि जिस जगह दुर्घटना हुई, वहं मार्ग पर्याप्त चौड़ा व पक्का है। दुर्घटना के समय मौसम भी साफ था। मार्ग के किनारे सुरक्षा के लिए बना पैराफिट टूटा हुआ है, जो कार की टक्कर से टूटा है। कार का इंजन, बाडी, रिम, टायर, चेसिस व अन्य पूरा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है।
कार का दायीं यानी चालक की तरफ का पिछला टायर कटा हुआ है जबकि अगला पंचर मिला है। क्लच, ब्रेक व एक्सीलेटर पैडल दुर्घटना के कारण दबे हुए मिले, जिसकी विस्तृत जांच की जाएगी। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर परिवहन विभाग की टीम ने दुर्घटनास्थल पर टूटे पैराफिट की जगह लोहे के दो एंगल लगा दिए हैं और वहां पत्थर भी रख दिए गए हैं।
वर्ष 2010 माडल की है कार
जिस कार से दुर्घटना हुई वह फोर्ड कंपनी की एंडेवर माडल है। कार सुरेंद्र सिंह रांगड़ निवासी मोथरोवाला देहरादून के नाम पर आरटीओ दून कार्यालय में पंजीकृत है।
परिवहन विभाग के अनुसार वर्ष 2010 माडल की है और उसकी फिटनेस 20 अगस्त-2025 जबकि बीमा दो मार्च-2025 तक वैध है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कार आशुतोष तिवारी ने खरीदी थी, लेकिन अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं कराई थी।
अमन चला रहा था कार
दुर्घटना के 12 घंटे बाद शनिवार शाम तक भी पुलिस यह नहीं पता लगा सकी थी कि दुर्घटना के समय कार को कौन चला रहा था। चूंकि, कार आशुतोष की थी, ऐसे में शुक्रवार देर रात मसूरी मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों में वहीं कार चलाता हुआ दिख रहा।
बाद में पुलिस ने मसूरी से झड़पानी मार्ग की ओर सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो कार अमन राणा चलाते हुए दिखा। तब यह साफ हुआ कि दुर्घटना के समय कार अमन चला रहा था। चूंकि, कार ओल्ड माडल की थी और लंबाई-चौड़ाई में अधिक थी, ऐसे में यह भी माना जा रहा कि कहीं अमन का संतुलन न बिगड़ गया हो।
तकनीकी टीम के सुझाव
- दुर्घटनास्थल पर टूटी हुई पैराफिट वाल को तत्काल निर्माण कराने की आवश्यकता है।
- दुर्घटनास्थल पर मार्ग के किनारे डेलीनेटर लगाने की आवश्यकता है।
- पूरे मार्ग पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र, तीव्र मोड़, धीरे चलें जैसे बोर्ड लगाए जाने चाहिए।