T20 WC 2024: नए खिलाड़ियों को परखा, लेकिन पुराने धुरंधरों पर लगाया दांव... BCCI ने कुछ यूं लिखी टीम सेलेक्शन की स्क्रिप्ट
T20 WC 2024 आगामी टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का एलान हो चुका है। भारत एक बार फिर उसी ब्लूप्रिंट के साथ खिताबी सूखे को खत्म करने की आशा कर रहा है जिससे उसे यूएई और ऑस्ट्रेलिया में सफलता नहीं मिली थी। मार्च में बीसीसीआइ सचिव जय शाह ने रोहित को टी-20 विश्व कप के लिए कप्तान भी घोषित कर दिया जबकि हार्दिक को उपकप्तान बनाया गया।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। नवंबर 2022 में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद बीसीसीआइ ने भविष्य की टी-20 टीम बनाने की प्रक्रिया शुरू की और इसके तहत रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को इस टीम का हिस्सा नहीं बनाया।
हार्दिक पांड्या को टी-20 टीम की कप्तानी सौंपी गई और उनकी कप्तानी में भारत ने आयरलैंड, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और फिर न्यूजीलैंड को टी-20 सीरीज में हराया। इस दौरान यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, जितेश शर्मा, रिंकू सिह, रवि बिश्नोई जैसे कई युवा खिलाड़ियों को परखा और उन्होंने अपने प्रदर्शन से प्रभावित भी किया।
2007 में भी जब भारत ने पहली बार ट्रॉफी जीती थी तो उस टीम में महेंद्र सिंह धोनी समेत सभी युवा खिलाड़ी थे। हार्दिक पांड्या की कप्तानी में इतने खिलाड़ियों को परखना दिखाता था कि बीसीसीआइ अगले टी-20 विश्व कप में किस दिशा में आगे बढ़ रहा है।
युवा खिलाड़ियों को दिए गए मौके
रोहित और विराट के बाहर होने के बाद ओपनिंग में इशान किशन, शुभमन गिल, रुतुराज गायकवाड़, यशस्वी और यहां तक कि रिषभ पंत को भी आजमाया गया। मध्यक्रम में तिलक वर्मा, रिंकू सिंह, संजू सैमसन, जितेश शर्मा, शिवम दुबे को अवसर दिए गए। तब लग रहा था कि बीसीसीआइ सही रास्ते पर है और युवाओं में निवेश उसे दूसरी बार टी-20 विश्व कप की ट्रॉफी दिला सकता है।
लेकिन पिछले वर्ष वनडे विश्व कप के फाइनल में हार के बाद अफगानिस्तान सीरीज से पहले बीसीसीआइ ने यू टर्न लिया और रोहित शर्मा व विराट कोहली की वापसी ने बताया कि वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले इस वैश्विक टूर्नामेंट के लिए बीसीसीआइ एक बार फिर अपने पुराने धुरंधरों पर ही दांव लगाएगा और अंतत: हुआ भी ऐसा ही।
मार्च में ही कप्तानी पर लग गई थी मुहर
भारत एक बार फिर उसी ब्लूप्रिंट के साथ खिताबी सूखे को खत्म करने की आशा कर रहा है, जिससे उसे यूएई और ऑस्ट्रेलिया में सफलता नहीं मिली थी। मार्च में बीसीसीआइ सचिव जय शाह ने रोहित को टी-20 विश्व कप के लिए कप्तान भी घोषित कर दिया, जबकि हार्दिक को उपकप्तान बनाया गया। हालांकि तब ये चर्चा थी कि चयनकर्ता टीम चयन से पहले आइपीएल में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखेंगे, लेकिन मंगलवार को जब टीम घोषित हुई तो कोई चौंकाने वाला नाम नहीं था।
चयन से पहले हार्दिक के नाम को लेकर जरूर थोड़ा विवाद था क्योंकि न तो वह बल्ले और न ही गेंद से प्रभावित कर पाए थे, लेकिन इसके बावजूद उनका चयन हुआ। इस टीम में नौ खिलाड़ी ऐसे हैं, जो 2022 में भी टी-20 विश्व कप खेले थे। बीसीसीआइ सूत्रों ने बताया कि हार्दिक भले ही खराब फार्म में हो, लेकिन वह अब भी भारत का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी आलराउंडर हैं और उसे बाहर करना एक जोखिम होता क्योंकि वह एकमात्र व्यक्ति है जिसने गेंदबाजी की है।
संजू को मिला अच्छे प्रदर्शन का इनाम
वापसी कर रहे रिषभ पंत ने अपने शानदार प्रदर्शन से विकेटकीपर की एक जगह पक्की कर ली थी और दूसरे विकेटकीपर के लिए केएल राहुल, इशान किशन व संजू सैमसन के बीच प्रतिस्पर्धा थी। यहां संजू सैमसन का आइपीएल में प्रदर्शन उनके पक्ष में गया।
यशस्वी जायसवाल के लिए आइपीएल का शुरुआती चरण अच्छा नहीं बीता था, लेकिन मुंबई के विरुद्ध सही समय पर शतक लगाकर उन्होंने रोहित के साथ ओपनर के रूप में अपना दावा मजबूत कर लिया था। ऐसे में शुभमन गिल को रिजर्व खिलाड़ी के रूप में शामिल करना पड़ा।
वहीं अगस्त 2023 में अंतिम बार भारत की ओर से खेलने वाले युजवेंद्रा सिंह चहल को भी टीम में जगह दी गई है।
रिंकू को इंपैक्ट खिलाड़ी नियम का नुकसान हुआ
पिछले आइपीएल में एक ओवर में पांच छक्के जड़कर सुर्खियां बटोरने वाले अलीगढ़ के 26 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह पर शिवम दुबे को प्राथमिकता देकर टीम में जगह दी गई जबकि उन्हें रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल किया गया।
रिंकू को टीम में होना चाहिए था, लेकिन आइपीएल में केकेआर की तरफ से ज्यादा मौके नहीं मिले। यशस्वी, रोहित और विराट के शीर्ष तीन में उतरने से टीम इंडिया के अंतिम 11 में सूर्य कुमार और रिषभ ही बल्लेबाज के तौर पर खेल पाएंगे। इसके बाद हार्दिक और जडेजा आएंगे जिससे रिंकू की अंतिम 11 में जगह नहीं बन पाती।
वहीं, इस सत्र में इंपैक्ट प्लेयर नियम से 'फिनिशर' रिंकू सिंह को नुकसान हुआ क्योंकि उन्हें क्रीज पर ज्यादा समय बिताने का मौका ही नहीं मिला। केकेआर में रिंकू को ऊपर बल्लेबाजी करने का अवसर ही नहीं मिला क्योंकि उनसे पहले श्रेयस अय्यर, अंगकृष रघुवंशी व वेंकटेश अय्यर ने अधिकांश ओवर खेले। वहीं इसके उलट सीएसके ने शिवम दुबे को ऊपर बल्लेबाजी कराई और पावर हिटिंग के उनके कौशल की बदौलत उन्हें टीम में जगह बनाने का दावेदार बनाया।
21 मई को रवाना होगा खिलाड़ियों का पहला समूह
विश्व कप के लिए भारतीय टीम का पहला समूह 21 मई को रवाना होगा। इसमें वह खिलाड़ी शामिल होंगे, जो तब आइपीएल के प्लेआफ मुकाबले नहीं खेल रहे होंगे। आइपीएल प्लेआफ मैच 21 मई से खेले जाएंगे और फाइनल 26 मई को होगा। इसमें खेल रही आइपीएल फ्रेंचाइजियों में शामिल खिलाड़ी बाद में भारतीय टीम से जुड़ेंगे।
यह भी पढ़ें: T20 World Cup 2024: इन भारतीय युवा खिलाड़ियों की खुली किस्मत, पहली बार टी20 विश्व कप खेलेने उतरेंगे ये सितारे