Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    जिम्बाब्वे में तख्तापलट के बीच सेना का बयान- नेशनल ब्रॉडकास्टर पर सैन्‍य कब्‍जा नहीं

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Wed, 15 Nov 2017 09:20 AM (IST)

    सेना प्रमुख जनरल कांस्टैंटिनो चिवेंगा ने इस मामले में दखल देने की चेतावनी दी थी। सेना ने कहा कि मुगाबे और उनके परिजन पूरी तरह सुरक्षित हैं।

    जिम्बाब्वे में तख्तापलट के बीच सेना का बयान- नेशनल ब्रॉडकास्टर पर सैन्‍य कब्‍जा नहीं

    हरारे, रायटर। अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में सेना ने बुधवार तड़के सत्ता पर कब्जा कर लिया है। सेना का कहना है कि जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के आसपास रहने वाले 'अपराधियों' के खिलाफ कार्रवाई के लिए ऐसा किया गया। एक दिन पहले सेना प्रमुख जनरल कांस्टैंटिनो चिवेंगा ने इस मामले में दखल देने की चेतावनी दी थी। सेना ने कहा कि मुगाबे और उनके परिजन पूरी तरह सुरक्षित हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजधानी हरारे में सैनिक और बख्तरबंद वाहनों को तैनात कर दिया गया है। संसद, अदालतों और सरकारी कार्यालयों के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। सेना की कार्रवाई के कुछ ही देर बाद मध्य हरारे में तीन विस्फोट हुए। सरकारी टेलीविजन को सेना ने अपने नियंत्रण में ले लिया। सरकारी टीवी से सेना के चीफ ऑफ स्टॉफ लॉजिस्टिक्स मेजर जनरल एसबी मोयो ने कहा कि हम केवल मुगाबे के आसपास के अपराधियों को निशाने पर ले रहे हैं जिन्होंने देश में सामाजिक और परेशानी पैदा कर अपराध किए हैं।

    उन्होंने कहा कि यह सैन्य तख्तापलट नहीं है। हमारा मिशन पूरा होने पर हमें सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद है। सेना की कार्रवाई के बाद से मुगाबे और उनकी पत्नी ग्रेस को नजरबंद कर दिया गया है। हालांकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा से फोन पर बातचीत की। सरकारी सूत्र ने बताया कि वित्त मंत्री इग्नेशियस चोम्बो को हिरासत में ले लिया गया है। वह मुगाबे की पत्नी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी जानु-पीएफ के जी-40 गुट के प्रमुख सदस्य हैं।

    ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद 93 वर्षीय मुगाबे 37 वर्षों से जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सैन्य तख्तापलट जैसी कार्रवाई के बाद औपचारिक तौर पर उनके शासन का अंत होगा। सेना का मुख्य मकसद उनकी पत्नी 52 वर्षीय ग्रेस को उनका उत्तराधिकारी बनने से रोकना है। उपराष्ट्रपति एमर्सन मानागागवा मुगाबे के उत्तराधिकारी के दावेदार थे। लेकिन ग्रेस का रास्ता साफ करने के लिए एक सप्ताह पहले उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। सत्तारूढ़ दल में बीमार मुगाबे का उत्तराधिकारी बनने के लिए संघर्ष चल रहा था।

    ऐसे हुई सेना से तनातनी

    सेना प्रमुख जनरल चिवेंगा ने बर्खास्त उपराष्ट्रपति के समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई खत्म करने के लिए दखल देने की सोमवार को चेतावनी दी थी। सेना ने मानागागवा की बर्खास्तगी स्वीकारने से मना कर दिया। इसके बाद मुगाबे की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने उन पर विश्वास जताया और चिवेंगा पर देशद्रोह का आरोप लगाया।

    विपक्ष की प्रतिक्रिया

    जिम्बाब्वे के विपक्षी दल मूवमेंट फॉर डेमोक्रेटिक चेंज ने शांतिपूर्ण तरीके से संवैधानिक लोकतंत्र की वापसी की मांग की। उसने उम्मीद जताई कि सेना के हस्तक्षेप से स्थिर, लोकतांत्रिक और प्रगतिशील राष्ट्र की स्थापना होगी।

    अमेरिका, ब्रिटेन का परामर्श

    अमेरिका और ब्रिटेन ने राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए हरारे में रहने वाले अपने नागरिकों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। दक्षिण अफ्रीका ने असंवैधानिक तरीके से सत्ता परिवर्तन का विरोध करने की अपील की है।

    यह भी पढ़ें: जिंबाब्वे के सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति मुगाबे को चेताया