उत्तरकाशी के इन 45 गांवों में नहीं छंट रहा अंधेरा
सूबे में चौथी निर्वाचित सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन उत्तरकाशी में उच्च हिमालयी क्षेत्र से लगे 45 गांवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया आज तक शुरू नहीं हो पाई।
उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: सूबे में चौथी निर्वाचित सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन सीमांत उत्तरकाशी जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र से लगे 45 गांवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया आज तक शुरू नहीं हो पाई।
जाहिर है हमेशा की तरह इस बार भी यहां के ग्रामीणों की सर्द रातें अंधेरे में ही कटेंगी। कारण, बर्फबारी शुरू होने के बावजूद इन गांवों में अब तक चिमनी व लालटेन जलाने के लिए केरोसीन नहीं पहुंचा है। उत्तरकाशी के जिला पूर्ति अधिकारी आइडी नौटियाल कहते हैं कि शासन में कई बार डिमांड भेजने के बावजूद अब तक केरोसीन का कोटा उपलब्ध नहीं हुआ है।
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शीतकाल के दो महीने हमेशा ही जिले के 45 गांवों पर भारी गुजरते हैं। भारी बर्फबारी के चलते इस अवधि में इन गांवों का निकटवर्ती बाजारों से सड़क संपर्क पूरी तरह कट जाता है। नतीजा लोग गांव में ही कैद होकर रह जाते हैं।पढ़ें-इस गांव में 25 साल से नहीं जोड़ पाए बिजली के टूटे तार
हालांकि, प्रशासन इन गांवों के लिए जनवरी व फरवरी का खाद्यान्न पहुंचा चुका है, लेकिन केरोसीन नहीं पहुंचाया गया। विडंबना देखिए कि विद्युतीकरण न होने के कारण इन गांवों के ग्रामीणों के पास घरों में उजाला करने के लिए चिमनी व लालटेन ही एकमात्र विकल्प है। लेकिन, इसके लिए केरोसीन चाहिए।
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ओसला गांव के पूर्व प्रधान ठाकुर सिंह बताते हैं कि बीते दो दिनों में भारी बर्फबारी होने के कारण ओसला व गंगाड़ को जाने वाला रास्ता भी बंद हो गया है। अब स्थिति यह है कि ग्रामीणों के पास स्टोव तो दूर चिमनी व लालटेन जलाने के लिए भी केरोसीन नहीं बचा। समझा जा सकता है कि आने वाले दिनों में स्थिति क्या होने वाली है।
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जिले के इन गांवों में नहीं है बिजली
ओसला, पंवाणी, गंगाण, ढाटमीरा, सिरगा, सांवणी, सटूड़ी, लिवाड़ी, कासला, राला, फिताड़ी, हरीपुर, नुराणु, हड़वाड़ी, सेवा, बरी, खाना, ग्वलागांव, मसरी, किराणु, माकुड़ी, सल्लारा, औरादेवजानी, डांडा गांव, लुदराला, कुनारा, रेक्चा, दोणी, भितरी, खंडियासणी, गौल गांव, कलाप, मटियालोड़, संखाल, थली, पोंटी, चिमडार, लेवटाड़ी, छानिका, गौल, सर, डिगाड़ी आदि।
केरोसीन की स्वीकृति नहीं मिली
जिला पूर्ति अधिकारी आइडी नौटियाल के मुताबिक मोरी, पुरोला, नौगांव व भटवाड़ी ब्लाक के करीब 45 गांवों के लिए शीतकाल का केरोसीन स्वीकृत नहीं हो पाया। लिहाजा इन गांवों के लिए जनवरी व फरवरी का केरोसीन नहीं भेजा जा सका।
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