पतंजलि के सामान ठिकाने लगाकर खाई में लुढ़का दिया ट्रक, ऐसे खुला राज
पतंजलि के 16 लाख के उत्पादों से भरा ट्रक हरिद्वार से उत्तरकाशी को निकला जरूर लेकिन रास्ते में खाई गिर गया। पर उसके अंदर का सामान गायब था। अब जाकर इसका राज खुला है।
चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी, [जेएनएन]: बाबा रामदेव के पतंजलि के 16 लाख के उत्पादों से भरा ट्रक हरिद्वार से उत्तरकाशी को निकला था, लेकिन रास्ते में वह ट्रक खाई गिर गया। ट्रक के अंदर देखा तो सामान गायब था। अब यह राज खुल गया है कि वह सामान कहां लापता हो गया था।
पुलिस के मुताबिक 31 अगस्त 2016 को एक ट्रक सत्या इंटर प्राइजेज कनखल से पतंजलि का 16 लाख का सामान लेकर उत्तरकाशी के लिए चला था। ट्रक में चालक जॉनी विश्वकर्मा पुत्र प्रमोद कुमार निवासी ग्राम मेहर अलीपुर, थाना नहटौर बिजनौर था। एक सितंबर को ट्रक उत्तरकाशी के धरासू बैंड के निकट भागीरथी नदी में गिरा मिला।
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पुलिस ने रेस्क्यू चलाया, लेकिन न तो ट्रक में भरे सामान का कुछ पता चला और न ही ट्रक के चालक का पता चला। इस मामले में सत्या इंटरप्राइजेज के डीलर टेकराम ने धरासू पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया कि ट्रक के साथ नदी में गिरे चालक की तलाश की जाए। ट्रक में कुछ भी सामान न मिलने पर पुलिस ने घटना संदिग्ध माना तथा चालक की तलाश हरिद्वार में शुरू की।
इसमें पुलिस की टीम ने चालक जॉनी विश्वकर्मा व मोहन सिंह पुत्र थम्मन सिंह निवासी अलीपुर, थाना नहटौर बिजनौर को टिहरी विस्थापित कॉलोनी रानीपुर हरिद्वार से गिरफ्तार किया।
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पुलिस ने इन दोनों आरोपियों से 50 हजार रुपये की नगदी भी बरामद की, जो आरोपियों ने पतंजलि के माल को बेचकर प्राप्त किए थे। कुछ सामान को आरोपियों ने हरिद्वार में एक घर में छिपाकर रखा है। पतंजलि के उत्पादों में आटा, तेल, मसाले, औषधियां एवं कॉस्मेटिक का सामान था। तीसरा आरोपी नरेश निवासी अलीपुर, थाना नहटौर बिजनौर अभी फरार चल रहा है।
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15 दिन पहले बन गई थी योजना
सत्य इंटरप्राइजेज के ट्रक चालक का काम करने वाले बिजनौर निवासी नरेश व मोहन ने जॉनी विश्वकर्मा को चालक के रूप में 15 अगस्त को रखवाया था। साथ ही सत्य इंटर प्राइजेज के डीलर से जॉनी विश्वकर्मा की तारीफ भी की थी।
22 अगस्त को जॉनी विश्वकर्मा सत्य इंटरप्राइजेज से सामान लेकर उत्तरकाशी आया था, जो सही प्रकार से वितरित किया था। एसओ रविन्द्र यादव ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने की योजना घटना के 15 दिन पहले ही बन गई थी। जब नरेश व मोहन ने एक योजना के तहत जॉनी को चालक के रूप में सत्य इंटरप्राइजेज में रखवाया था।
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