ग्रामीणों को सड़क का इंतजार, नापते हैं पैदल दूरी
थौलधार प्रखंड के कंस्यूड़ क्षेत्र के ग्रामीणों को सड़क की सुविधा आज तक नही मिल पाई। नतीजन ग्रामीण आज भी मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं।

चंबा, टिहरी [जेएनएन]: विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार का ध्यान दूरस्थ गांव की ओर नहीं है। तभी तो थौलधार प्रखंड के कंस्यूड़ क्षेत्र के ग्रामीणों को सड़क की सुविधा आज तक नही मिल पाई। ग्रामीण आज भी मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं।
कंस्यूड़ क्षेत्र के जगतकोल, कुमांऊचली, उकाली, ङ्क्षमगरवाल, जुड, गंगाड़ीपाखा आदि करीब आधा दर्जन छोटे-छोटे गांव सड़क सुविधा से नही जुड़ पाए हैं। इससे ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां के लोग आज भी पांच से आठ किमी तक पैदल चलने को विवश हैं।
यह भी पढ़े: टिहरी झील में विस्थापितों की उम्मीद बनी जल समाधि
ग्रामीणों को सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब कोई बीमार होता है। उस समय रोगी को अस्पताल तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नही है। खास बात यह है कि यहां के लोग आलू, मटर, बीन जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी करते हैं, लेकिन सड़क न होने के कारण उन्हें बाजार तक अपना उत्पाद पहुंचाने में परेशानी होती है।
यह भी पढ़ें: यहां अंतिम संस्कार को लगानी पड़ती है चार किलोमीटर दौड़
ग्राम प्रधान विशन सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता विपिन नेगी का कहना है कि सड़क की मांग को लेकर शासन-प्रशासन को कई बार ज्ञापन दिए हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। सड़क न बनने से गांव का विकास भी प्रभावित हो रहा है।
यह भी पढ़ें: दस साल में 13 करोड़ खर्च, फिर भी 53 गांव के हलक प्यासे
इस संबंध में लोनिवि चंबा के अधिशासी अभियंता एमके सैनी का कहना है कि ग्रामीणों की ओर से सड़क की मांग की गई इसकी जानकारी उन्हें नही है। यदि प्रस्ताव आएगा तो उसके बाद मौके पर जाकर सर्वे किया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।