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    फर्जी प्रमाण पत्र पर 25 साल तक बना रहा शिक्षक, ऐसे आया पकड़ में

    By gaurav kalaEdited By:
    Updated: Sat, 08 Oct 2016 06:30 AM (IST)

    उत्‍तराखंड के टिहरी गढ़वाल स्थित एक सरकारी स्‍कूल में फर्जी हेडमास्‍टर का खुलासा हुआ है। यह फर्जी शिक्षक पिछले 25 साल से सरकारी सेवाएं दे रहा था।

    कंडीसौड़, टिहरी गढ़वाल, [जेएनएन]: उत्तराखंड में एक ऐसा फर्जी प्रधानाध्यापक पकड़ा गया है, जो पिछले 25 सालों से स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहा था। सरकारी वेतन पा रहा था। अब जब उसके दस्तावेज फर्जी पाए गए तो शिक्षा विभाग के होश उड़ गए हैं। जानिए कैसे आया पकड़ में।
    उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल स्थित थौलधार विकासखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मंजकोट (नगुण) में नियुक्ति प्रधानाध्यापक जयप्रकाश यादव के योग्यता प्रमाण पत्रों पर संदेह होने पर विभागीय जांच में जिला शिक्षाधिकारी प्राथमिक डा. अशोक कुमार गुसांई ने हाईस्कूल अंकपत्र, प्रमाण पत्र व बीटीसी अंक पत्र व प्रमाण पत्र फर्जी पाए जिसके आधार पर अध्यापक को सेवा से बर्खास्त करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

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    जांच में पाया गया कि अध्यापक द्वारा 12 दिसंबर 1990 से सहायक अध्यापक प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति पाने के बाद प्रमोशन भी पा चुका था। मंडाखेरी, पोआ कोलासागर जिला बिजनौर निवासी है एवं 26 अक्टूबर 2015 से विद्यालय से अनुपस्थित है।

    जांच अधिकारी जिला शिक्षाधिकारी बेसिक डा. अशोक कुमार गुसांई ने उन्हें सेवा से बर्खास्त करते हुए आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। उप शिक्षाधिकारी विनीता कठैत ने 6 अक्टूबर को राजस्व उप निरीक्षक चोकी लवाणी तहसील कंडीसौड में उक्त अध्यापक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।

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    नायब तहसीलदार एसएल लेखवार ने बताया कि अध्यापक की नियुक्ति टिहरी की है इसलिए घटना टिहरी की होने की वहज से एफआईआर दर्ज कर थाना नई टिहरी को विवेचना हस्तांतरित करने को पत्रावली जिलाधिकारी को भेज दी गई है।

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