बंदरों की चतुराई से वन विभाग चित, किसान परेशान
रुद्रप्रयाग शहर के साथ ही जिले के विभिन्न कस्बों व गांव में बंदरों के आतंक से आम लोग परेशान हैं। बंदर घरों में घुसकर सामान उठा रहे हैं। पिछले छह महीने में 25 लोगों पर हमला किया है।
रुद्रप्रयाग, [बृजेश]: बंदरों के आतंक के आगे वन विभाग पूरी तरह नतमस्तक है। पिछले छह महीने से जिले में बंदरों को पकड़ने का अभियान वन विभाग ने चला रखा है, लेकिन आज तक कोई भी शहर, कसबा या गांव ऐसा नहीं है जहां से बंदरों के आतंक से निजात मिली हो। इससे वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है।
वहीं अब ऊखीमठ क्षेत्र में थक हारकर क्रांतिवीर संगठन ने बंदरों को पकड़ने का जिम्मा उठाया है, पिछले दो दिन में 13 बंदर पकड़कर वन विभाग को सौंपे हैं।
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रुद्रप्रयाग शहर के साथ ही जिले के विभिन्न शहर, कस्बों व गांव में बंदरों के आतंक से आम लोग परेशान हैं। बंदर घरों में घुसकर सामान उठा रहे हैं, वहीं पिछले छह महीने में 25 लोगों पर हमला कर चुके हैं। यही नहीं खेतों में खड़ी फसल के साथ ही पेड़ों पर लगे फल को भी बंदर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
रुद्रप्रयाग शहर की बात करें तो महादेव मोहल्ला, अपर बाजार, हितड़ाग, मुख्य बाजार, पुनाड़ में बंदरों का आतंक छाया हुआ है। अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, जखोली, तिलवाड़ा समेत अन्य कस्बे भी बंदरों के आतंक से परेशान हैं।
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गत दिसंबर माह में वन विभाग की छह सदस्यीय टीम को नैनीताल भेजकर बंदर पकडऩे का प्रशिक्षण दिया गया था। 25 दिसंबर से बंदर पकडऩे का काम भी टीम ने शुरू कर दिया। इसके बाद उम्मीद जागी थी कि विभाग बंदरों के आतंक से निजात दिला देगा, लेकिन पिछले छह महीने से बंदरों का आतंक यथावत बना हुआ है।
भले ही वन विभाग दावा कर रहा हो कि अब तक पांच सौ से अधिक बंदर पकड़ कर जंगलों में छोड़े गये हैं, लेकिन कहीं भी बंदरों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। इससे वन विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है।
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वन विभाग की कार्यप्रणाली पर रुद्रप्रयाग नगर पालिका के सभासद देवेंद्र कप्रवाण ने रोष जताते हुये कहा कि बंदरों के आतंक से आम शहरवासी परेशान है, इस समस्या से निजात दिलाने के लिये प्रभावी अभियान चलाया जाना चाहिए। वहीं उप वन संरक्षक राजीव धीमान ने कहा कि क्रांतिवीर संगठन ने ऊखीमठ में बंदरों को पकडऩे का अभियान सराहनीय है। वन विभाग की टीम भी बंदरों को पकड़ने में लगी हुई है।
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