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    लोकायुक्त बिल को लेकर पूर्व सीएम खंडूड़ी आहत, नहीं लड़ेंगे अगला चुनाव

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 01 Nov 2017 08:49 PM (IST)

    उत्तराखंड में लोकायुक्त बिल पारित न होने से पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी अपनी ही सरकार से आहत हैं। साथ ही उन्होंने एलान किया कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे।

    लोकायुक्त बिल को लेकर पूर्व सीएम खंडूड़ी आहत, नहीं लड़ेंगे अगला चुनाव

    रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: उत्तराखंड में लोकायुक्त बिल लंबित होने से गढ़वाल सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी आहत हैं। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त भी कर दी। बोले 'आज विधानसभा में हमारे 57 विधायक हैं। किसी भी दिन और किसी भी समय बिल पास कराया जा सकता है।' 

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    प्रदेश सरकार को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, 'उत्तराखंड की जनता के अपार समर्थन से सरकार बनी है। अब विकास कार्यों में कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी।' कहा, सरकार को काम करके दिखाना होगा। 

    रुद्रप्रयाग पहुंचे सांसद खंडड़ी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बहुमत के साथ सरकार बनी है तो ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। उत्तराखंड में लोकायुक्त बिल को लेकर भी उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के कहा कि 'मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत कष्ट है कि अभी तक बिल पास नहीं हुआ। इस बिल को राष्ट्रपति भी स्वीकृति दे चुके हैं।' 

    उन्होंने कहा कि यदि बिल पास हो जाता है तो विधायक व मुख्यमंत्री भी इस लोकायुक्त के दायरे में आएंगे। कहा कि  उन्होंने कांग्रेस ने भी अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में इस बिल को लटकाए रखा, लेकिन वर्तमान सरकार के पास प्रचंड बहुमत है।

    नहीं हो पाया सांसद आदर्श गांव का विकास

    सांसद खंडूड़ी ने स्वीकार किया सांसद आदर्श गांव का विकास नहीं हो पाया। गौरतलब है कि उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले का देवलीभणि ग्राम गोद लिया हुआ है। केदारनाथ आपदा में इस गांव के काफी लोग लापता हुए हैं। विकास न हो पाने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि पर्याप्त धनराशि न होने के कारण विकास कार्यों को गति देने में दिक्कतें आ रही हैं। कहा कि उनकी सीट में पांच जिले आते हैं और इतने बड़े इलाके लिए सांसद निधि से मिलने वाली धनराशि पर्याप्त नहीं है। 

    अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे

    उन्होंने एलान किया कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि प्रत्याशी के चयन के लिए पार्टी को सुझाव अवश्य देंगे। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों के शिलान्यास पट पर उनका नाम न होने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। गौरतलब है कि 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजनाओं का शिलान्यास किया था।

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