इस बार केदारनाथ में हवाई सेवाओं को लेकर बना है संशय
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने में एक माह से भी कम का समय बचा है, लेकिन अभी तक केदारनाथ में हवाई सेवाओं को लेकर संशय बना हुआ है। इससे कंपनी की ट्रायल उड़ान भी शुरू नहीं हो पाई हैं।
रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: केदारनाथ धाम के कपाट खुलने में एक माह से भी कम का समय बचा है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि धाम के लिए हवाई सेवाओं का संचालन कब से होगा। जबकि, आमतौर पर हवाई सेवाएं यात्रा शुरू होने से दस दिन पहले केदारनाथ के लिए ट्रायल उड़ान भरना शुरू कर देती हैं। ऐसे में यात्रा शुरू होने के साथ हवाई सेवाएं संचालित होने में संशय है।
जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद आम श्रद्धालुओं में भी हवाई सेवा के प्रति क्रेज बढ़ा है। बीते दो साल से तो लगभग 30 फीसद यात्री हवाई सेवा से ही बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। केदारनाथ के लिए पहले पहल वर्ष 2003 में अगस्त्यमुनि से पवन हंस कंपनी ने हवाई सेवा शुरू की थी।
बीते वर्ष 14 हवाई कंपनियों ने केदारनाथ के लिए अपनी सेवाएं दीं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इंडिया फ्लाई सेफ एविएशन लि. को हवाई सेवाओं के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी थी। कंपनी से प्रतिमाह एक करोड़ दो लाख रुपये टैक्स के रूप में भुगतान करने का करार हुआ था। इसके लिए कंपनी ने अपनी पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस संबंध में अब तक कोई स्पष्ट गाडइ लाइन तैयार नहीं की है। हालांकि, कंपनी को टेंडर दिए जाने की वैधता को लेकर मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है।
केदारनाथ धाम के कपाट आगामी तीन मई को खुलने हैं। आमतौर पर हवाई सेवाएं केदारनाथ यात्रा शुरू होने से दस दिन पहले से वहां के लिए ट्रायल उड़ान भरना शुरू कर देती हैं। केदारनाथ के कपाट तीन मई को खोले जाने हैं।
इस लिहाज से कंपनियों के पास 15 दिन का समय ही शेष बचा है। ऐसे में सरकार यदि नई नीति बनाती है या अनुमति के लिए टेंडर जारी किए जाते हैं तो हवाई सेवाओं के संचालन में विलंब होना तय है। जाहिर है इसका सीधा असर केदारनाथ यात्रा पर पड़ेगा।
बीते 13 वर्षों से केदारनाथ के लिए हवाई सेवा का संचालन कर रहे कैप्टन पीके छावड़ी कहते हैं कि हवाई सेवाएं शुरू करने को लेकर सरकार को शीघ्र कदम उठाने चाहिएं, ताकि समय पर सेवाएं शुरू हो सके। बता दें कि भाजपा कंपनी को टेंडर दिए जाने को लेकर पूर्व में कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े करती रही है।
रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी रंजना के मुताबिक केदारनाथ में हवाई सेवाओं के संचालन पर शासन स्तर से निर्णय लिया जाना है। इस संबंध में फिलहाल कुछ भी कहना संभव नहीं।
वहीं, फ्लाई सेव एविएशन लि. के सीईओ संजय जुल्का के अनुसार सरकार से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया के तहत ही कंपनी को जिम्मेदारी मिली है। न्यायालय में भी मामला चल रहा है, निर्णय गलत हुआ तो स्पष्ट हो जाएगा।
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