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    चारधाम यात्रा: टेलीमेडिसिन सेवा से जुड़ेगा केदारनाथ धाम

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 04 Apr 2017 06:00 AM (IST)

    चारयात्रा के तहत टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने की योजना है। यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं में नई जान फूंकने के लिए केदारधाम से इसी साल इसकी शुरुआत की जा सकती है।

    चारधाम यात्रा: टेलीमेडिसिन सेवा से जुड़ेगा केदारनाथ धाम

    देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के तहत टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने की योजना है। प्रदेश में टेलीमेडिसिन को लेकर पहले भी कई योजनाएं बन चुकी हैं, लेकिन अब तक ये परवान नहीं चढ़ पाई। यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं में नई जान फूंकने के लिए केदारधाम से इसी साल इसकी शुरुआत की जा सकती है। 

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    जिसके लिए स्वास्थ्य महकमा केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह योजना परवान चढ़ी तो न सिर्फ आसपास के विशेषज्ञता वाले अस्पतालों के चिकित्सक परामर्श दे पाएंगे, बल्कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) व पीजीआइ चंडीगढ़ तक के विशेषज्ञ इससे जुड़ सकेंगे। 

    टेलीमेडिसिन योजना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मदद से अमल में लाई जाएगी। उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ को इससे जोड़ा जाएगा। जिसकी शुरुआत केदारनाथ से की जाएगी। टेलीमेडिसिन केंद्र में वी-सैट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपकरण, टेलिमेडिसिन सॉफ्टवेयर सहित डायग्नोस उपकरण जैसे ईसीजी मशीन और एक्स-रे स्कैनर आदि की सुविधा होगी। 

    महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. डीएस रावत का कहना है कि इस संदर्भ में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जिसमें टेलीमेडिसिन के साथ ही एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि महकमा न सिर्फ मौजूदा संसाधानों के बेहतर ढंग से इस्तेमाल के पक्ष में है बल्कि तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। 

    सूत्रों के अनुसार टेलीमेडिसिन योजना पर सालाना 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह केवल केदारनाथ तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि विभाग अन्य जिलों में सेवाओं का विस्तार करेगा। ताकि उत्तराखंड के दुरूह क्षेत्रों में मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श मिल सके। इसके साथ ही पीपीपी मोड पर एयर एम्बुलेंस सुविधा शुरू करने की भी योजना है। इस पर हर साल करीब 15 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। एयर एंबुलेंस की मदद से मरीजों को आपात स्थिति में तुरंत उपचार मिल जाएगा।

    विगत वर्षों में चारधाम यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों की हार्ट अटैक से मौत के भी कई मामले आए हैं। जिसने सरकारी इंतजाम पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यात्रा मार्ग पर सुपर-स्पेशियलिटी एम्बुलेंस की अनुपलब्धता भी इसकी वजह है। क्योंकि स्वास्थ्य अब मुख्यमंत्री का ही विभाग है, अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि यात्रा मार्ग पर पर्याप्त पैरामैडिकल स्टाफ, डॉक्टर व अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। 

    चारधाम को महकमा मुस्तैद 

    यात्रामार्ग पर वर्तमान में तीनों चिकित्सा पद्धति के करीब 132 डॉक्टर और 222 फार्मेसिस्ट काम कर रहे हैं, लेकिन संबंधित जिलों के सीएमओ की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक 55 अतिरिक्त डॉक्टर और 22 फार्मेसिस्ट भी तैनात किए जा रहे हैं। केदारनाथ का लंबा पैदल ट्रैक है, वहां कम से कम 14 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट (एमआरपी) होंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री में भी अतिरिक्त मेडिकल रिस्पॉन्स कार्मिकों की व्यवस्था की जा रही है।

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