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    अब राजाजी पार्क में बढ़ेगा बाघ की दहाड़ का दायरा

    By BhanuEdited By:
    Updated: Mon, 20 Mar 2017 04:15 AM (IST)

    20 से अधिक बाघों की रिहायश वाले राजाजी टाइगर रिजर्व का दायरा बढ़ाने की तैयारी है। इसमें बाघों के अधिक मूवमेंट वाले हरिद्वार वन प्रभाग के क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।

    अब राजाजी पार्क में बढ़ेगा बाघ की दहाड़ का दायरा

    हरिद्वार, [राहुल गिरि]: उत्तराखंड में जिस हिसाब से बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उसी हिसाब से उनके लिए वासस्थलों का विकास भी होना भी होना चाहिए। 20 से अधिक बाघों की रिहायश वाले राजाजी टाइगर रिजर्व और हरिद्वार वन प्रभाग की समझ में ये बात आ गई है। बाघों ने रिजर्व की सीमा से बाहर कदम निकालने शुरू किए तो अब इसका दायरा बढ़ाने की तैयारी है। 

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    इसमें हरिद्वार वन प्रभाग के उन क्षेत्रों को रिजर्व के बफर जोन में शामिल किया जाएगा, जिनमें बाघों का मूवमेंट अधिक है। इस सिलसिले में आए प्रस्ताव पर वन विभाग मुख्यालय स्तर पर मंथन शुरू हो गया है और सभी पहलुओं पर अध्ययन के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा।

    असल में 819.54 वर्ग किमी में फैले राजाजी नेशनल पार्क को 20 अल 2015 में राजाजी टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। इसमें हरिद्वार और लैंसडौन वन प्रभाग की विभिन्न रेंजों के 255.63 वर्ग किमी क्षेत्र को रिजर्व के बर्फर में शामिल किया गया। 

    कुल 1075.17 वर्ग किमी वाले इस रिजर्व में गौहरी, चीला, हरिद्वार, मोतीचूर, बेरीवाड़ा, धौलखंड, रामगढ़, चीलावाली, कांसरो रेंजों के साथ ही पथरी गुर्जर बस्ती, खांडगांव व गैंडीखाता पुनर्वास क्षेत्र के अलावा हरिद्वार की श्यामपुर और लैंसडौन वन प्रभाग की लालढांग के कुछ हिस्से में शामिल हैं।

    रिजर्व की चीला और गौहरी रेंज तो बाघों के लिए मशहूर हैं। रिजर्व में बाघों की संख्या 20 से 24 के बीच है और इनका कुनबा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। चीला रेंज में सर्वाधिक बाघ हैं। बाघों की संख्या में वृद्धि का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अब ये रिजर्व से बाहर हरिद्वार वन प्रभाग के अंतर्गत श्यामपुर रेंज, झिलमिल क्षेत्र समेत अन्य स्थानों पर बाघ दस्तक देने लगे हैं।

    बाघों का कुनबा बढ़ाने के साथ ही इनके संरक्षण के मद्देनजर टाइगर रिजर्व का दायरा बढ़ाने पर मंथन चल रहा है। इसके तहत हरिद्वार प्रभाग के संपूर्ण श्यामपुर, कांगड़ी, पीली, खानपुर आदि से लगे जंगलों को इस रिजर्व में शामिल किया जाना है। ये सभी बफर जोन में शामिल होंगे। उधर, इस प्रस्ताव के बाद देहरादून में वन विभाग मुख्यालय में भी हलचल है। एक उच्चाधिकारी ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व का दायरा बढ़ाने पर मंथन चल रहा है।

    राजाजी टाइगर रिजर्व पर एक नजर

    -48 वां टाइगर रिजर्व है देश का

    -2015 में जारी हुई अधिसूचना

    -1075.75 वर्ग किमी है क्षेत्रफल

    -03 वन प्रभागों हरिद्वार, देहरादून व लैंसडौन से है सटा

    -20 से अधिक है यहां बाघों की संख्या

    रिजर्व में बाघ

    रेंज---------संख्या

    चीला-------12 से अधिक

    हरिद्वार----05

    गौहरी--------03 से 04

    मोतीचूर------01

    हरिद्वार वन प्रभाग में बढ़ा मूवमेंट 

    डीएफओ हरिद्वार एचके सिंह के मुताबिक राजाजी टाइगर रिजर्व से बाघों का मूवमेंट हरिद्वार वन प्रभाग के जंगलों की ओर बढ़ रहा है। इसीलिए इन हिस्सों को रिजर्व के बफर जोन में मिलाने पर जोर दिया गया है। जल्द ही आला अधिकारियों के साथ बैठक कर यह क्षेत्र चिह्नित कर लिया जाएगा।

    संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी 

    राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर के अनुसार टाइगर रिजर्व बनने के बाद बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ ही इनका संरक्षण बेहतर ढंग से हो रहा है। हरिद्वार प्रभाग के जंगलों को रिजर्व के बफर में शामिल करना एक बेहतर कदम साबित होगा।

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