Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उड़ी में आतंकी हमले के बाद अब एक्शन चाहते हैं पूर्व जनरल

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2016 02:00 AM (IST)

    कश्मीर के उड़ी सेक्टर में रविवार को हुए आतंकी हमले की घटना से सेना के पूर्व अधिकारियों में खासा रोष है। वे अब इस मसले पर ठोस कार्रवाई चाहते हैं।

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कश्मीर के उड़ी सेक्टर में रविवार को हुए आतंकी हमले की घटना से सेना के पूर्व अधिकारियों में खासा रोष है। वे अब इस मसले पर ठोस कार्रवाई चाहते हैं। उनका मानना है कि अब आतंकवाद के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब देने का वक्त आ गया है। सरकार को पाक अधिकृत कश्मीर में चल रहे आतंकी शिविरों पर तुरंत हमला करना चाहिए।

    कश्मीर पिछले कुछ समय से लगातार अशांत चल रहा है। ऐसे में सेना पर सीधे हमला होना बड़े खतरे के संकेत हैं। सेना पर हमला करने वाले आतंकी जाहिर तौर पर लंबे समय से सेना के मूवमेंट पर नजर रखे हुए थे। इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था, बल्कि खुफिया एजेंसियों पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। सेना के पूर्व अफसरों ने इस मसले पर 'दैनिक जागरण' से अपने विचार साझा किए।

    ले.जनरल (सेनि) ओपी कौशिक के अनुसार इस तरह की हरकत कई सालों से चल रही है। जब तक उन्हें करारा जवाब नहीं दिया जाता, तब तक ऐसा होता ही रहेगा। सेना को पाक अधिकृत कश्मीर में चल रहे आतंकी शिविरों की पूरी जानकारी है। इन पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। अब समय बयानबाजी का नहीं, एक्शन का है।

    ले. जनरल (सेनि) केके खन्ना भी ले. जनरल कौशिक से सहमत हैं। वह कहते हैं कि इस हमले से यह स्पष्ट हो गया कि है कि अभी हालात नियंत्रण में नहीं हैं। सुधार के दावे पूरे नहीं हैं। सुरक्षा व्यवस्था में भी कहीं न कहीं चूक हुई है। अब अलग-अलग स्तर पर कार्यवाही की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें:-केदारनाथ व बदरीनाथ को बम से उड़ाने की धमकी पर उत्तराखंड में अलर्ट

    मे. जनरल (सेनि) सी नंदवानी कहते हैं कि इसी वर्ष पाक प्रायोजित आंतकवाद की कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। सरकारें बदलती हैं, लेकिन बयान नहीं बदलते। अब वह वक्त नहीं है कि हम इसे हल्के में लेते रहें।

    ले. जनरल (सेनि) एमसी भंडारी मानते हैं कि देश की विदेश नीति अब आक्रामक हुई है। वह कहते हैं कि बलूचिस्तान को लेकर हमारा स्टैंड इसी का उदाहरण है। उस पर प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लगातार पाकिस्तान को घेर रहे हैं। ऐसे में यह पाकिस्तान की बौखलाहट है। बहरहाल इस तरह का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पाक अधिकृत कश्मीर में आंतकवादी शिविरों पर कार्रवाई का समय अब आ गया है। सेना सक्षम है, बस एक ग्रीन सिग्नल का इंतजार है।
    पढ़ें:-जौलीग्रांट एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी पर रेड अलर्ट