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    जीएसटी से उत्तराखंड की आय में होगा 1000 करोड़ का इजाफा

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sun, 30 Apr 2017 04:01 AM (IST)

    वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से उत्तराखंड राज्य के कर राजस्व में तकरीबन एक हजार से करोड़ का इजाफा होने जा रहा है। ...और पढ़ें

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    जीएसटी से उत्तराखंड की आय में होगा 1000 करोड़ का इजाफा

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से उत्तराखंड राज्य के कर राजस्व में तकरीबन एक हजार से करोड़ का इजाफा होने जा रहा है। हालांकि, कर राजस्व में और अधिक वृद्धि की उम्मीदों पर राज्य सरकार की करों को लेकर सुस्ती भारी पड़ी है। करों को लेकर बीते वर्षों में उदार रवैये का असर जीएसटी से होने वाली आमदनी पर दिखाई पड़ सकता है।  

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    राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्य कर में इजाफा होना तकरीबन तय है। वाणिज्य कर में वर्तमान में 7100 करोड़ की आमदनी का अनुमान है। जीएसटी लागू होने पर यह धनराशि 8000 करोड़ के पास हो सकेगी। 

    जीएसटी में होने वाले लाभ का दायरा राज्य में बढ़ सकता था, लेकिन बीते वर्षों में कर राजस्व को बढ़ाने की दिशा में गंभीर प्रयास नहीं हो पाए। राज्य के कर राजस्व के आकलन को जीएसटी में आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है। नतीजतन इस अवधि के बाद बढ़ने वाले राजस्व का फायदा राज्य को शायद ही मिले। अप्रत्यक्ष कर सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के तौर पर आंके जा रहे जीएसटी को उत्तराखंड के लिए खास फायदेमंद माना जा रहा है। 

    उपभोक्ता राज्य की हैसियत के चलते उत्तराखंड में उत्पादन की तुलना में वस्तुओं की आपूर्ति ज्यादा है। जीएसटी में कर गंतव्य आधारित है। लिहाजा जिस राज्य में वस्तुओं की ज्यादा खपत होगी, कर राजस्व भी उसे ही ज्यादा मिलेगा। 

    हालांकि, मदिरा, पांच पेट्रोलियम पदार्थों में क्रूड, पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस व एटीएफ को छोड़कर सभी वस्तुओं पर कर जीएसटी की परिधि में है, लेकिन जीएसटी के क्रियान्वयन के शुरुआती वर्षों में मानवीय उपयोग की उक्त वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। 

    आबकारी, पेट्रोल-डीजल से मिलने वाले कर का राज्य के कुल राजस्व में बड़ी हिस्सेदारी है। इस वजह से राज्य को राहत मिलने की उम्मीदें कायम हैं। खनन में उपखनिजों का अधिकतर राज्य के बाहर उपयोग होने से कर राजस्व में इजाफा होने के आसार नहीं हैं। इस वजह से राज्य सरकार इस कोशिश में है कि खनन से प्राप्त होने वाली रायल्टी पर भी जीएसटी से छूट हासिल की जाए। 

    वैसे जीएसटी के प्रावधानों के मुताबिक कर राजस्व में घाटा होने की सूरत में केंद्र की ओर से पांच वर्ष तक इस घाटे की प्रतिपूर्ति की जाएगी। वित्त मंत्री प्रकाश पंत के मुताबिक जीएसटी लागू होने से राज्य के कर राजस्व में सुधार होना तय है।

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