उत्तराखंड: 2300 स्कूलों में लटके ताले, 25000 शिक्षक हड़ताल पर
20 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे उत्तराखंड के करीब 25000 शिक्षक आज से हड़ताल पर चले गए हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: तीन उपार्जित अवकाश दिए जाने, करीब 500 शिक्षकों को पेंशन पैटर्न दिए जाने, चयन प्रोन्नत वेतनमान के तहत वेतन वृद्धि दिए जाने, बीआरपी-सीआरपी के पदों पर जल्द नियुक्ति दिए जाने समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे उत्तराखंड के करीब 25000 शिक्षक आज से हड़ताल पर चले गए।
वहीं, विभाग ने हड़ताल और तालाबंदी को सरकारी कार्य में बाधा की श्रेणी में रखते हुए शिक्षकों को नोटिस जारी किया था, जिसे शिक्षकों ने लेने से इन्कार कर दिया। शिक्षकों का कहना है कि सरकार और विभाग को लंबे समय से इन मांगों से अवगत कराया जा रहा है। मांगों के समाधान को लेकर मुख्यमंत्री ने लिखित आश्वासन और घोषणाएं कीं, लेकिन सरकार का रवैया शिक्षक विरोधी है। मजबूरन शिक्षकों को यह कदम उठाना पड़ा।
पढ़ें: प्रदर्शनकारियों का आरोप, जनता को गुमराह कर रही है उत्तराखंड सरकार
उधर, बीते रोज माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सख्त रुख अपनाते हुए संघ के अध्यक्ष और महामंत्री को नोटिस जारी कर हड़ताल वापस लेने को कहा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया कि शिक्षकों की मांगों पर शासन गंभीरता से विचार कर रहा है।
दो विशिष्ट अवकाश और वर्ष में एक बार यात्र अवकाश का फैसला किया जा चुका है। वेतनवृद्धि की मांग वेतन समिति को विचारार्थ भेजी गई है। अन्य मांगों पर भी प्रगति हो रही है। ऐसे में दिसंबर तक विषयवार पाठ्यक्रम पूरा करने के लक्ष्य को देखते हुए शिक्षकों को हड़ताल का फैसला वापस ले लेना चाहिए।
पढ़ें: भाजपाईयों ने फूंका स्वास्थ्य मंत्री का पुतला
इसके बाद निर्वाचन आयोग विधान सभा चुनाव की घोषणा कर सकता है। ऐसे में शिक्षक अपनी जिम्मेदारी समझते हुए छात्र हित में हड़ताल स्थगित करें। अन्यथा अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राजकीय शिक्षक संघ से छात्र हित में हड़ताल और तालाबंदी वापस लेने का अनुरोध किया गया था।
स्कूल से बेरंग घर लौटे छात्र-छात्राएं
प्रदेश भर में उत्तराखंड राजकीय शिक्षक संघ की हड़ताल के चलते प्रदेश भर के स्कूल प्रभावित रहे। हरिद्वार में राजकीय इंटर कालेज ज्वालापुर समेत सभी राजकीय स्कूलों में शिक्षण व्यववस्थाएं पूरी तरह बाधित हो गई। स्कूल तो खुले है कि लेकिन कक्षाओं में शिक्षक नहीं पहुंचे। इस कारण छात्र-छात्राओं बेरंग ही घर लौटना पड़ा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।