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    भविष्य' के साथ प्रकृति को संवार रहे हैं शिक्षक

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 02 Jul 2017 04:47 PM (IST)

    देहरादून जिले का राजकीय इंटर कॉलेज हरबर्टपुर में छात्र-छात्राओं को किताबी शिक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण, औषधीय व ज्योतिषीय ज्ञान भी दिया जा रहा है।

    भविष्य' के साथ प्रकृति को संवार रहे हैं शिक्षक

    विकासनगर, [राकेश खत्री]: पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से देहरादून जिले का राजकीय इंटर कॉलेज हरबर्टपुर नजीर सबित हो रहा है। यहां छात्र-छात्राओं को किताबी शिक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण, औषधीय व ज्योतिषीय ज्ञान भी दिया जा रहा है। 

     

    विद्यालय के जीव विज्ञान प्रवक्ता अशोक कुमार सिंह पंचवटी वाटिका, नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वाटिका व धन्वंतरी औषधि वाटिका लगाकर विद्यालय परिसर को हरा-भरा करने के साथ पौधों से संबंधित ज्ञान भी छात्रों को बांट रहे हैं। इसके अलावा पानी की टंकी पर देश की प्रमुख नदियों की लंबाई और उनके उद्गम की जानकारी देने के साथ जल संरक्षण को भी जागरूक किया जा रहा है। इसी के चलते विद्यालय को वर्ष 2014 में तरुश्री पुरस्कार भी मिल चुका है।

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    विद्यालय में छात्रों का पर्यावरण संरक्षण के साथ ज्योतिष व औषधीय ज्ञान भी दिया जा रहा है। विद्यालय परिसर में अन्य वृक्षों के साथ ही 68 ऐसे पौधे लगे हुए हैं, जिनका संबंध भारतीय ज्योतिष विज्ञान व आयुर्वेद से है। अशोक छात्रों को प्रत्येक पौधे की विशेषता बताने के साथ ही अपने आसपास इस तरह की वाटिका लगाने को प्रेरित करते हैं। बकौल अशोक, 'ऊर्जा ईश्वर का स्वरूप है, जो हरे पौधों से प्राप्त होती है। 

     

    हरे-भरे पौधों से विद्यालय परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो छात्रों को मानसिक शक्ति भी देती है।' बहरहाल! सरकारी स्कूलों में घटती शैक्षणिक गुणवत्ता के बीच राइंका हरबर्टपुर पर्यावरण संरक्षण के साथ ही औषधीय व ज्योतिष ज्ञान देने वाला प्रदेश का पहला विद्यालय है, जो अन्य विद्यालयों के लिए भी नजीर है।

     

    नक्षत्र वाटिका में लगे पौधे

    कटहल, आंवला, गूलर, जामुन, खादीर, शीशम, बांस, नागकेशर, बरगद, फ्लाश, पाकड़, रीठा, बेल, अर्जुन, भटकेमा, मौलश्री, चीड़, साल व अशोक।

     

    धन्वंतरी आयुष वाटिका में लगे पौधे 

    आंवला, अशोक, नीम, अर्जुन, बेल, जामुन, मौलश्री, मीठी नीम, कचनार, अड़ूसा, हरशृंगार, गुड़हल, गुलाब, पपीता, गिलोय, सतावरी, तुलसी, नागरमोथा, अदरक, हल्दी, अश्वगंधा, बेल, केला, ब्राह्मी, पुनर्नवा, हरड़ व बहेड़ा।

     

    नवग्रह वाटिका के पौधे

    आक, ढाक, खैर, चिचिड़ा, पीपल, गूलर, शमी, दूब व कुश।

     

    पंचवटी वाटिका के पौधे

    पीपल, अशोक, बेल, बरगद व आंवला।

     

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