कांग्रेस में टिकट को मारामारी, शक्ति प्रदर्शन के साथ सिफारिश भी
कांग्रेस का टिकट पाने के लिए खुद को सबसे मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी साबित करने के होड़ मची हुई है। इन दावेदारों ने प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी के सामने शक्ति प्रदर्शन भी किया।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: चुनावी समर निकट आते ही कांग्रेस के भीतर दावेदारों की बेचैनी बढ़ने लगी है। टिकट पाने के लिए खुद को सबसे मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी साबित करने के होड़ मची हुई है। इन दावेदारों ने प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी के सामने शक्ति प्रदर्शन कर खुद को सबसे मजबूत प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया। प्रदेश प्रभारी से मुलाकात के दौरान अपनी उपलब्धियों का जम कर बखान करने से भी गुरेज नहीं किया।
प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी चुनाव समिति की बैठक में शिरकत करने के लिए कांग्रेस भवन पहुंची। इस दौरान प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर और प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय उनके साथ रहे। इसके बाद शुरू हुआ दावेदारों से मिलने का सिलसिला।
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एक-एक कर दावेदार प्रदेश प्रभारी से मिलने गए और उन्हें अपना परिचय दिया। इस दौरान दावेदारों ने स्वयं को सबसे मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी बताते हुए अपने राजनीतिक सफर और संगठन के लिए किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी।
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इतना ही नहीं, ये दावेदार अपने क्षेत्र के मौजूदा पार्टी विधायकों की कमियां गिनाने से भी नहीं चूके। कई दावेदार अपने समर्थकों के साथ जुलूस के रूप में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और शक्ति प्रदर्शन किया। अंदर जहां दावेदार प्रदेश प्रभारी से मिल रहे थे, वहीं उनके समर्थक बाहर नारेबाजी करते रहे।
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कई दावेदार ऐसे भी रहे जिन्होंने अन्य नेताओं के जरिये अपनी सिफारिश भी प्रदेश प्रभारी तक पहुंचाने का प्रयास किया। इन सबसे मुलाकात के बाद चुनाव समिति की बैठक शुरू हुई। देर रात तक कई दावेदार अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन में ही जमे रहे।
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फिर नाराज हुए प्रकाश जोशी
प्रदेश कांग्रेस सचिव प्रकाश जोशी एक बार फिर उखड़े नजर आए। उन्होंने न केवल प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर के सामने अपनी नाराजगी जताई तो प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बुलावे पर भी उनसे मिलने नहीं गए। हालांकि बाद में उन्होंने चुनाव समिति की बैठक में शिरकत की। सूत्रों की मानें तो उनकी नाराजगी समिति के लिए आमंत्रित किए गए पदाधिकारियों की सूची को लेकर थी। इस सूची में शुरुआत में तो समिति में शामिल 28 लोगों के नाम थे। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और अंत में उत्तराखंड से एआइसीसी में शामिल प्रतिनिधियों का जिक्र था।
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जोशी को नाराजगी इस बात से थी कि इसमें पदाधिकारियों के नाम का उल्लेख नहीं था। इसी को लेकर उनका मूड उखड़ा रहा। हालांकि, मीडिया के पूछने पर वे सब कुछ सामान्य बताते रहे। गौरतलब है कि प्रकाश जोशी कुछ समय पूर्व हल्द्वानी में हुए एक कार्यक्रम में मंच पर स्थान न मिलने पर भी नाराजगी जता चुके हैं और छात्रसंघ चुनाव को लेकर वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश के खिलाफ मोर्चा भी खोले हुए रहे।
तो मुख्यमंत्री ही तय करेंगे टिकट
प्रदेश में यूं तो चुनाव समिति की बैठक में दावेदारों के नामों का पैनल तैयार होना है, लेकिन कई दावेदार ऐसे भी रहे जिन्होंने प्रदेश प्रभारी से मिलने की जरूरत भी नहीं समझी। इन दावेदारों का कहना था कि यह बैठक तो मात्र दिखावा भर है। टिकट तो उसे मिलेगा जिसे मुख्यमंत्री चाहेंगे। यही कारण भी रहा कि मुख्यमंत्री के आते ही हर दावेदार उनसे अपनी निकटता जताने का भरसक प्रयास करता रहा।
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बाहरी प्रत्याशी का विरोध
प्रदेश प्रभारी से मुलाकात के दौरान कई दावेदारों ने अपने विधानसभा क्षेत्र में बाहरी प्रत्याशियों को टिकट न दिए जाने की भी गुहार लगाई। कैंट सीट से टिकट के दावेदार रामकुमार वालिया ने प्रदेश प्रभारी को इस संबंध में पत्र भी सौंपा। इस पत्र में उन्होंने कैंट क्षेत्र में रहने वाले दावेदार को ही टिकट देने की मांग उठाई। इस पत्र में कैंट क्षेत्र के ही अन्य कई दावेदारों के हस्ताक्षर भी थे।
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