किडनी गिरोह का सरगना डॉ. अमित गिरफ्तार, जीवन भी चढ़ा पुलिस के हत्थे
किडनी कांड के मास्टरमाइंड डॉक्टर अमित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमित और जीवन को पुलिस ने हरियाणा के पंचकुला से गिरफ्तार किया है।
देहरादून, [जेएनएन]: गैरकानूनी तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट करने के मामले में देश भर में कुख्यात बीएएमएस डिग्रीधारी अमित राऊत देहरादून में भांडा फूटने के बाद ज्यादा दिन तक पुलिस की नजरों से बच नहीं सका। शुक्रवार को पंचकूला (हरियाणा) के एक फाइव स्टार होटल से देहरादून की पुलिस टीम ने अमित के साथ ही उसके भाई जीवन, गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल की एक नर्स और अस्पताल के संचालक राजीव चौधरी के ड्राइवर प्रमोद उर्फ बिल्लू को गिरफ्तार कर लिया।
अमित देश छोड़कर भागने की फिराक में था। होटल की पार्किंग से पुलिस को बीएमडब्ल्यू व मर्सिडीज गाड़ी भी बरामद हुई हैं, जबकि, मर्सिडीज में 33.73 लाख रुपये कैश भी मिले हैं। शनिवार को पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से चारों को जेल भेज दिया गया। किडनी कांड में अब तक छह आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि पांच अभी फरार चल रहे हैं। पुलिस सर्विलांस के जरिये आरोपियों तक पहुंची।
देहरादून में पांच रोज पहले यानि 11 सितंबर को लालतप्पड़ स्थित गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में किडनी के गोरखधंधे का खुलासा हुआ था। उस दिन पुलिस ने हरिद्वार हाइवे से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से दो की किडनी गंगोत्री हास्पिटल में निकाल ली गई थी, जबकि पैसे के लेनदेन को लेकर बात बिगडऩे के चलते दो अन्य की किडनी नहीं निकाली जा सकी थी।
पुलिस टीम के अस्पताल पहुंचने से पहले ही संचालक राजीव चौधरी और अमित फरार हो गए थे। इस दौरान पुलिस के हत्थे चढ़े अमित के मुंबई निवासी एजेंट जावेद खान ने उसका पूरा कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि पुलिस ने सर्विलांस के जरिये दोनों के नंबर ट्रेस कराए तो अमित की लोकेशन पंचकूला में मिली।
अमित यहां सेक्टर-18 स्थित पल्लवी होटल में छिपा हुआ था। शुक्रवार को पुलिस ने यहां से अमित, उसके भाई जीवन, गंगोत्री अस्पताल की नर्स सरला और राजीव चौधरी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया।
मर्सिडीज में मिले 33.73 लाख
होटल की पार्किंग में खड़ी मर्सिडीज कार (यूपी-16एआर-1100) में 33.73 लाख रुपये कैश बरामद किया गया है। यह गाड़ी अमित के भाई जीवन के नाम पंजीकृत है। पार्किंग में एक बीएमडब्ल्यू कार (डीएल-3एफटी-5000) और फोर्ड फिगो कार (यूके-08-एल-3777) भी बरामद हुई है। बीएमडब्ल्यू कार अमित उपयोग में लाता है, जो कुंवर वीरेंद्र विक्रम निवासी नोएडा के नाम पर पंजीकृत है। अमित 11 सितंबर को भांडा फूटने के बाद फोर्ड फिगो कार से हरिद्वार की तरफ भागा। रास्ते में दूसरी गाड़ी लेकर वह पंचकूला चला गया।
110 देशों में बनाए हैं एजेंट
अमित ने अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल, तुर्किस्तान, ओमान, दुबई, इंग्लैंड समेत 110 देशों में एजेंट बना रखे हैं। इनसे संपर्क के लिए उसने ऑनलाइन सिस्टम बनाया हुआ था। वह 12 अंतराष्ट्रीय भाषाएं जानता है।
नागपुर से किया बीएएमएम
अमित ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह और उसके भाई जीवन ने नागपुर मेडिकल कॉलेज से बीएएमएस की पढ़ाई की थी। उसका बेटा अक्षय पुणे के एक मेडिकल कालेज से एमएस की डिग्री ली है।
दून में खरीदी है 50 बीघा जमीन
पुलिस जांच में पता चला कि डोईवाला में हाल ही में अमित ने 50 बीघा जमीन खरीदी थी। जिस पर उसका अस्पताल बनाने का सपना था। उसकी गुरुग्राम, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, मुंबई समेत अन्य राज्यों में भी करोड़ों की प्रापर्टी का पता चला हैं।
याद नहीं कितनी किडनी ट्रांसप्लांट की
कुख्यात अमित का कहना है कि उसे खुद याद नहीं कि उसने कितने लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट की है। बता दें कि 2008 में पकड़े जाने से पहले तक वह 500 सौ ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कर चुका था। ऐसे में उसके द्वारा किए गए ट्रांसप्लांट का आंकड़ा एक हजार से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। उसने देहरादून के लालतप्पड़ स्थित गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में इसी साल जुलाई महीने से किडनी ट्रांसप्लांट के आपरेशन करना शुरू किया था। यहां पचास के करीब ऑपरेशन किए जाने की दस्तावेजों के जरिए पुष्टि हो चुकी है।
अब तक हुई गिरफ्तारियां
-जावेद खान पुत्र सरवर खान निवासी रूम नंबर ए-603 ग्रीन पार्क सोसाइटी, सीजी स्कूल, एसबी रोड शांताक्रूज वेस्ट मुंबई
-अमित कुमार पुत्र पुरुषोत्तम निवासी मकान नंबर 215 खक्करपुर सौरा मंगल गुरुग्राम कौशल्या, सेकेंड एड हास्पिटल खार मुंबई
-जीवन राऊत, निवासी सी-102 एसएन टॉवर गुरुग्राम हरियाणा
- सरला, निवासी श्रीराम होटल घनसाली टिहरी गढ़वाल
- प्रदीप उर्फ बिल्लू निवासी बड़ौत, बागपत उत्तर प्रदेश
-जगदीश भाई निवासी शिव ट्रेडिंग उदयनगर, जीआइडीसी सूरत
फरार आरोपी
-डॉ. अक्षय कुमार पुत्र अमित कुमार निवासी मुंबई
-डॉ. संजय दास पुत्र छोटेलाल दास निवासी नगर परिषद वार्ड नंबर 5 फोर्सगंज अररिया बिहार
-सुषमा कुमारी पुत्री रतन लाल केडिया निवासी सोनबरसा सहरसा बिहार
-राजीव चौधरी पुत्र सुरेंद्र पाल सिंह निवासी14/41 आदर्श नगर बड़ौत जिला बागपत उत्तर प्रदेश
-चांदना गुडिय़ा निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल
बागपत के हैं अधिकांश आवेदक
गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल के संचालक ने अपने गृह जनपद बागपत के कई लोगों को रोजगार दिया था। इससे उसकी अपने इलाके में बड़े कारोबारी के रूप में पहचान बन गई थी और सैकड़ों की संख्या में उसके इलाके के बेरोजगार उसके पास नौकरी की अर्जी लेकर आने लगे। उसके घर से मिले शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में से अधिकांश बड़ौत (बागपत) इलाके के लोगों के ही हैं।
राजीव के ड्राइवर की हुई पहचान
सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीम न राजीव की पत्नी अनुपमा से भी पूछताछ की। अनुपमा ने बताया कि वह अस्पताल का कामकाज देखती थी, लेकिन उसने राजीव और अमित के कारनामों को लेकर जुबान नहीं खोली। एसएसपी ने बताया कि राजीव के ड्राइवर प्रमोद उर्फ बिल्लू निवासी बड़ौत के बारे में जानकारी मिली है कि वह करीब एक साल से उसकी गाड़ी चलाता था। उसकी गिरफतारी के लिए टीम रवाना कर दी गई है। प्रमोद से पूछताछ में राजीव के बारे में कुछ और सनसनीखेज जानकारियां सामने आ सकती हैं।
झगड़े के बाद महिला मित्र से बना ली दूरी
अमित की हरियाणा में रहने वाली महिला मित्र करीब तीन साल पहले उसके संपर्क में आई थी। तब अमित ने हरियाणा में उसे एक फ्लैट खरीद कर दे दिया, लेकिन लोन चुकता करने को लेकर दोनों में विवाद हो गया। बाद में बैंक ने इस मकान को सील कर दिया, पता चला है कि इसके बाद उसकी महिला मित्र ने ऐनकेन प्रकारेण मकान पर कब्जा कर लिया और रहने लगी। उसने पुलिस को बताया कि करीब एक साल से अमित उसके संपर्क में नहीं है।
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