किडनी ट्रांसप्लांट मामलेे में सर्जन से लेकर एजेंट तक का काम था तय
देहरादून में किडनी के अवैध कारोबार के लिए गिरोह के सरगना ने हर एक की भूमिका तय की हुर्इ थी। उन्होंने इस काम के लिए मुंबई के डाक्टर तक को हॉयर किया था।
देहरादून, [जेएनएन]: किडनी के अवैध कारोबार में संलिप्त अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने अपने हर किरदारों के लिए काम तय कर रखा था। गिरोह ने मुंबई के डाक्टर तक को हॉयर कर रखा था, जो सप्ताह में एक बार हवाई जहाज से देहरादून पहुंचता और ऑपरेशन कर वापस मुंबई उड़ जाता था। इसके बाद अस्पताल के चिकित्सक किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले विदेशी नागरिकों और किडनी बेचने वालों का इलाज करते थे। जब दोनों ठीक हो जाते तो उन्हें दून से रवाना कर दिया जाता था।
चांदना गुड़िया, निवासी पश्चिम बंगाल: यह महिला इलाके के गरीब तबके के लोगों को किडनी के बदले मोटी रकम दिलाने का झांसा देती है। चांदना को इसके लिए गिरोह मोटा कमीशन देता था। इसका काम केवल किडनी बेचने के लिए राजी हुए लोगों को दिल्ली की ट्रेन में बैठाना था।
जावेद खान, निवासी मुंबई: दिल्ली में जावेद नाम का शख्स मिलता था, जो पश्चिम बंगाल या देश के अन्य प्रांतों से आए लोगों को अपनी गाड़ी से लेकर देहरादून पहुंचता था। यहां किडनी निकालने के बाद वह दोबारा उन्हें गाड़ी से लेकर दिल्ली पहुंचता, जहां गिरोह के अन्य रकम लेकर तैयार रहते थे, जो किडनी बेचने वालों में बांट दी जाती थी।
डॉ.अमित कुमार, मुंबई: विदेशी नागरिकों और किडनी बेचने वालों के दून पहुंच जाने के बाद मुंबई से यह डाक्टर हवाई जहाज के जरिए यहां पहुंचता था। इसका काम केवल ऑपरेशन करना होता था। एक दिन दो-तीन लोगों के ऑपरेशन यह डाक्टर कर देता और वापस मुंबई लौट जाता।
पांच बैंक खाते भी पुलिस रडार पर
जांच के दौरान खुफिया एजेंसियों को किडनी बेचने वाले पांच लोगों के बैंक अकाउंट का भी पता चला है। इनमें से दो खाते पंजाब नेशनल बैंक के, एक-एक एक्सिस बैंक, महिंद्रा कोटक व साउथ इंडियन बैंक के है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया इन बैंकों में हुए लेनदेन की बारीकी से जांच की जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।