टिहरी में अस्पताल में ताला, बाहर जन्मे नवजात ने तोड़ा दम
टिहरी जिले के लंबगांव में प्रसव पीड़ित महिला दोपहर ढाई बजे अस्पताल लाई गई तो वहां ताला मिला। परिजन डॉक्टर को तलाशते रहे और परिसर में प्रसव हो गया।
लंबगांव, [जेएनएन]: एक बार फिर पहाड़ के दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत बेपर्दा हो गई। प्रसव पीड़ित महिला दोपहर ढाई बजे अस्पताल लाई गई तो वहां ताला मिला। परिजन डॉक्टर को तलाशते रहे और परिसर में प्रसव हो गया।
तलाश में डॉक्टर, नर्स और एएनएम तो नहीं मिले, लेकिन पैदा होने के कुछ देर बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। टिहरी जिले के डिप्टी सीएमओ डॉ. अजय कुमार तक मामला पहुंचा। डॉ. अजय ने कहा कि रविवार को वह स्वयं मौके पर जाएंगे और जांच में जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।
प्रतापनगर के पड़िया गांव 29 वर्षीय उमा देवी पत्नी राजेश्वर रावत इन दिनों अपने मायके ओखला आई हुई है। शनिवार को उसे प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे लेकर दोपहर बाद ढाई बजे 15 किलोमीटर दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लंबगांव पहुंचे। यहां अस्पताल में ताला लटक रहा था तो परिजनों ने उमा को परिसर में ही लिटा दिया। उमा का भाई विक्रम डॉक्टर की तलाश में आसपास के लोगों से पूछने चला गया।
अस्पताल में डॉक्टर समेत छह लोगों का स्टाफ है। इनमें नर्स, एएनएम और वार्ड ब्वाय के अलावा दो अन्य लोग हैं। इस बीच उमा का दर्द बढ़ गया। कुछ ही देर में साथ आई महिलाओं की मदद से अस्पताल परिसर में ही बेटे जन्म दिया। परिजनों के अनुसार करीब आधे घंटे बाद बच्चे की मौत हो गई। कुछ देर बाद विक्रम अस्पताल लौट आया।
बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने वहां हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच आसपास के लोग भी जमा हो गए और फोन पर डिप्टी सीएमओ को सूचना दी। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता राजीव सेमवाल और उमा के भाई विक्रम सिंह और महेंद्र सिंह का कहना है कि यहां अस्पताल में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पहले भी मिला यहां ताला
इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले साल भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। घटना 24 जनवरी 2015 की है। तब भी प्रसव पीड़ित महिला को अस्पताल लाया गया तो यहां ताला मिला। एंबुलेंस की तलाश में परिजनों को वक्त लगा तो महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, शिशु ठीकठाक रहा।
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