उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में बढ़ेगी पीजी की सीटें
आने वाले दिनों में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस की सीटों में इजाफा होगा। हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ोत्तरी की कवायद शुरू कर दी गई है।
देहरादून, [जेएनएन]: पोस्ट ग्रेजुएशन की योग्यता हासिल करना चाह रहे एमबीबीएस डॉक्टरों के अच्छी खबर है। यदि सब ठीक रहा तो आने वाले दिनों में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस की सीटों में इजाफा होगा।
हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ोत्तरी की कवायद शुरू कर दी गई है। जिसके बाद राज्य को अधिक संख्या में विशेषज्ञ डॉक्टर मिल सकेंगे। इसके अलावा डॉक्टर बनने के इच्छुक होनहारों को भी भविष्य में दाखिले के ज्यादा विकल्प मिलेंगे। इसके लिए एमबीबीएस की सीट बढ़ाने की तैयारी है।
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प्रदेश में डॉक्टरों की बड़ी भारी कमी है। राज्य के 995 सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के 2711 स्वीकृत पदों में 1615 खाली पड़े हैं। यदि इनमें स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की गणना की जाए तो और भी गंभीर स्थिति सामने आएगी।
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ऐसे में मानव संसाधन के लिहाज से नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना व स्थापित कॉलेजों को अधिक सुदृढ़ बनाने की कवायद चल रही है। इसी क्रम में अब हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पीजी की सीटें बढ़ाने की तैयारी चल रही है।
सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में पीजी की सीट 39 से बढ़कर 60 होने वाली हैं। जबकि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पीजी की सीट चार से 30 करने का प्रस्ताव है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसे लेकर सभी तैयारियां भी पूरी कर ली हैं।
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विभागीय अफसर इसी संबंध में एक बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली गए हुए हैं। सीट बढ़ोत्तरी से पहले श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में आर्थो, गाइनो, आई, फिजियोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा इन दो मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100-100 सीट हैं।
एमबीबीएस के भी बढ़ेंगे मौके
राज्य के तीसरे मेडिकल कॉलेज दून मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पहले से ही 150 सीटें हैं। जहां फिलहाल सीटें बढ़ने की संभावनाएं कम हैं। बहरहाल कोटद्वार, भगवानपुर, पिथौरागढ़, रुद्रपुर व अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेजों की राह खुल चुकी है। जिसके बाद डॉक्टर बनने के इच्छुक छात्रों को और भी कई अवसर मिलेंगे।
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खुलेंगे अधिक विकल्प
चिकित्सा शिक्षा निदेशक के मुताबिक डॉ. आशुतोष सयाना प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीट बढ़ाने का प्रस्ताव है। ऐसा होने पर पोस्ट ग्रेजुऐशन की योग्यता हासिल करना चाह रहे एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए अधिक विकल्प होंगे।
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