उत्तराखंड: 'जड़ों' से दूर 44.57 लाख ने बनाया नया ठौर
पलायन के पीछे अपनी-अपनी कहानी लिए 44.57 लाख लोग अपना घर बार छोड़कर उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में नया ठिकाना बनाकर निवास कर रहे हैं।
देहरादून, [नेहा सिंह]: कौन अपने घर-आंगन को अलविदा कहना चाहेगा? शायद कोई भी नहीं, मगर किसी को अपने सपनों में रंग भरने के लिए अपनों से बिछड़ना पड़ रहा है, तो कोई दो जून की रोटी के लिए अपनी जड़ों से दूर होने को मजबूर है।
पलायन के पीछे अपनी-अपनी कहानी लिए 44.57 लाख लोग अपना घर बार छोड़कर उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में नया ठिकाना बनाकर निवास कर रहे हैं। इसमें दूसरे प्रदेशों से उत्तराखंड में आए लोग शामिल हैं और वे लोग भी इसका हिस्सा हैं, जो राज्य के भीतर ही एक जिले से अन्य जिले या एक शहर से दूसरे शहर में रह रहे हैं।
विभिन्न कारणों से पलायन की यह तस्वीर जनगणना-2011 के तहत जुटाए आंकड़ों के ताजा विश्लेषण में सामने आई है।
पढ़ें: उत्तरकाशी के इन 45 गांवों में नहीं छंट रहा अंधेरा
जनगणना के आंकड़ों के अनुसार करीब 30 फीसद लोगों ने कामकाज, व्यापार और शिक्षा की खातिर अपने मूल स्थान से पलायन किया है। वहीं 26.29 फीसद लोगों ने पूरे परिवार के साथ राज्य के विभिन्न हिस्सों को अपना ठौर बना लिया है।
मनुष्य का मूल स्वभाव है कि एक समय बाद उसे अपने जीवन में स्थायित्व चाहिए होता है। यही वजह है कि अपना मूल स्थान छोड़कर अन्यत्र बसे 27 लाख से अधिक लोगों ने नये स्थान को ही स्थायी ठिकाना बना लिया। ये 27 लाख से अधिक लोग 10 साल से अधिक समय से नये स्थान पर मौजूद पाए गए। जबकि डेढ़ लाख से अधिक ऐसे लोगों के आंकड़े भी जनगणना में एकत्रित किए गए हैं, जिनके हिस्से जन्म के बाद से ही पलायन आ गया था।
पढ़ें-पीएमओ की पहल से रोशन होगा देहरादून का दूधली गांव
महिलाओं की पलायन दर अधिक
सामान्यत: विवाह के बाद हर महिला का नया आशियाना उसके पति का घर होता है। यही वजह है कि प्रदेश में महिलाओं के पलायन की दर सबसे अधिक 65.37 फीसद है।
पढ़ें-इस गांव में 25 साल से नहीं जोड़ पाए बिजली के टूटे तार
मूल स्थान छोड़कर राज्यभर में बसागत
कुल: 4457986
पुरुष: 1543627
महिला: 2914359
इसलिए तलाशे नए ठौर
कार्य/रोजगार: 66405
व्यापार: 591440
शिक्षा: 72615
पढ़ें-यहां मोबाइल चार्जिंग के लिए लगानी पड़ रही लंबी दौड़, जानिए
अन्य पहलू
विवाह के कारण: 1900756
पूरे परिवार सहित: 1172370
जन्म के बाद से: 161278
अन्य कारण: 397726
इतने समय से आशियाना
01 साल से कम: 276139
01 से 04 साल: 810706
05 से 09 साल: 715946
10 साल से अधिक: 1950253
पढ़ें-आदिम युग में जी रहे इस गांव के ग्रामीण, नहीं देखी कभी गाड़ी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।