उत्तराखंड में 21 हाइड्रो प्रोजेक्ट को पीसीबी का नोटिस
उत्तराखंड में गंगा व उसकी सहायक नदियों पर निर्मित एवं निर्माणाधीन 21 हाइड्रो प्रोजेक्ट कंपनियों को पीसीबी की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। ...और पढ़ें

देहरादून, [जेएनएन]: गंगा की स्वच्छता को लेकर हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) हरकत में है। इस कड़ी में गंगा व उसकी सहायक नदियों पर निर्मित एवं निर्माणाधीन 21 हाइड्रो प्रोजेक्ट कंपनियों को पीसीबी की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। इन परियोजनाओं में निर्माणस्थलों पर सीवरेज के निस्तारण को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित होने हैं, लेकिन इनकी लगातार अनदेखी की जा रही है।
उत्तराखंड में भागीरथी, अलकनंदा, नंदाकिनी, यमुना, भिलंगना, पिंडर समेत अन्य नदियों पर हाइड्रो प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान और इसके बाद वहां से निकलने वाला सीवरेज किसी भी दशा में गंगा में न जाए, इसके लिए कार्यस्थल पर एसटीपी लगाना अनिवार्य है।
पीसीबी की ओर से इस सिलसिले में सालभर पहले इन नदियों पर बनने वाले 21 हाइड्रो प्रोजेक्ट से संबंधित कंपनियों को पत्र भेजकर परियोजना स्थल पर एसटीपी लगाने को कहा गया था। पीसीबी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसके बाद मई 2016 में इन्हें पुन: नोटिस भेजे गए। तत्पश्चात संबंधित कंपनियों की ओर से जवाब भेजे गए, लेकिन पीसीबी इनसे संतुष्ट नहीं हैं।
इस बीच अदालत और एनजीटी ने भी आदेश जारी किए कि इन प्रोजेक्ट से निकलने वाली किसी भी प्रकार की गंदगी को गंगा व उसकी सहायक नदियों में जाने से रोकने को ठोस कदम उठाए जाएं। सूत्रों ने बताया कि इन आदेशों के बाद अब फिर से इन सभी 21 जलविद्युत परियोजनाओं को नोटिस जारी किए गए हैं।
इनमें एक परियोजना हजार मेगावाट, पांच परियोजनाएं 25 से 400 मेगावाट और शेष पांच से 25 मेगावाट क्षमता की हैं।

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