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    उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों से अभी भी रुठे हैं बदरा

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 20 Jan 2017 05:06 AM (IST)

    सूबे में बदरा भले ही कुछ मेहरबान हों, लेकिन बारिश के लिहाज से पहाड़ों में अभी भी कमी बरकरार है। सात पर्वतीय जिलों में औसत से तीन से लेकर 62 फीसद तक बारिश कम हुई।

    उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों से अभी भी रुठे हैं बदरा

    देहरादून, [जेएनएन]: लंबे इंतजार के बाद सूबे में बदरा भले ही कुछ मेहरबान हों, लेकिन बारिश के लिहाज से पहाड़ों में अभी भी कमी बरकरार है। मौसम विभाग के आंकड़ों पर ही गौर करें तो सात पर्वतीय जिलों में औसत से तीन से लेकर 62 फीसद तक बारिश कम हुई, जबकि ऊधमसिंनगर में यह कमी 51 फीसद है। अलबत्ता, टिहरी जिले में बारिश की अधिकता रही 105 फीसद, जबकि शेष जिलों में भी यह औसत से ज्यादा है।

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    बारिश के लिहाज से देखें तो पिछले वर्ष एक अक्टूबर से 30 दिसंबर तक वर्षा औसत से 85 फीसद तक कम रही। ऐसे में खेती-बागवानी पर संकट गहराने लगा था। नववर्ष के पहले दिन मौसम ने करवट बदली और तब से कुछ उम्मीद जगी। इसके बाद से मौसम मेहरबान है और बारिश भी हो रही है, लेकिन इसमें अभी भी कमी है।

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    मौसम विभाग के मुताबिक एक से 18 जनवरी तक राज्य में सामान्य तौर पर 24.5 मिमी वर्षा होती है और अब तक 23.6 मिमी हो भी चुकी है। लेकिन, पर्वतीय जिलों से बदरा रूठे-रूठे से हैं।

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    अल्मोड़ा में 26 फीसद, बागेश्वर में 62, चमोली में 39, चंपावत में 20, पिथौरागढ़ में 14, रुद्रप्रयाग में 51 और उत्तरकाशी में बारिश सामान्य से तीन फीसद कम है। मैदानी जिलों में सिर्फ ऊधमसिंहनगर में 51 फीसद की कमी है। बाकी जिलों में बारिश सामान्य से अधिक है।

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