Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मॉक ड्रिल: भूकंप से निपटने के लिए पूर्वाभ्‍यास में लापरवाह दिखे अफसर

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Thu, 23 Feb 2017 06:45 AM (IST)

    मॉक ड्रिल गढ़वाल के हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग सहित कुमाऊं मंडल के सभी जिलों में की गई और दून के परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय सूचना व मॉनीटरिंग केंद्र बनाया गया।

    मॉक ड्रिल: भूकंप से निपटने के लिए पूर्वाभ्‍यास में लापरवाह दिखे अफसर

    देहरादून, [जेएनएन]: भूकंप से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से किए गए पूर्वाभ्यास के दूसरे दिन भी अफसरों की लापरवाही दूर नहीं हुई। हालांकि, शासन के अफसर स्थिति को पहले से बेहतर होने का दावा करते नजर आए, लेकिन जिस समय यह दावे किए जा रहे थे तब कोई अफसर अपने मोबाइल में व्यस्त था तो कोई दफ्तर की फाइलों पर हस्ताक्षर करने में। खानापूर्ति में बीते दिन के बाद दोपहर डेढ़ बजे अफसर घर को रवाना हो गए और पूर्वाभ्यास का समापन कर दिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, मॉक ड्रिल तो गढ़वाल के हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग सहित कुमाऊं मंडल के सभी जिलों में की गई और दून के परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय सूचना व मॉनीटरिंग केंद्र बनाया गया। दिन में जैसे ही आपदा प्रबंधन के सचिव अमित नेगी ने परेड ग्राउंड पहुंचकर बचाव कार्य से संबंधित जानकारी देनी शुरू की।

    यह भी पढ़ें: भूकंप से छत ढही, मलबे में दबे परिवार के पांच लोग

    तभी कुछ अधिकारी इन बातों पर ध्यान देने के बजाए मोबाइल में व्यस्त हो गए। इतना ही नहीं, कई अधिकारी तो मॉक ड्रिल के लिए तय किए गए समय पर ही नहीं पहुंचे, जबकि कई अधिकारी काम के बजाए दिनभर इधर से उधर घुमते हुए नजर आए। इसी बीच करीब एक बजे हेलीकॉप्टर रुद्रप्रयाग से आपदा में घायल एक व्यक्ति को लेकर परेड ग्राउंड पहुंचा, जहां से उसे एंबूलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।

    यह भी पढ़ें: भूकंप से दो दर्जन गांवों के बीस से अधिक भवन क्षतिग्रस्त

    और सुधारी जाएंगी व्यवस्थाएं

    सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि मंगलवार के मुकाबले बुधवार को व्यवस्थाओं में काफी सुधार आया है। जो कमियां रह गई हैं, उन्हें भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। विभागों में आपसी तालमेल को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि हमें यह प्रयास हमेशा करना चाहिए कि हमारी मेहनत में कोई कमी न रहे।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: भूकंप के बाद में 10 और झटके हुए महसूस

    साथ ही बताया कि बेहतरी के लिए निरंतर इस तरह के पूर्वाभ्यास होने चाहिए। तालमेल में कमी के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों के ट्रांसफर होने से भी कई बार राहत कार्य में परेशानी होती है। पुलिस महानिरीक्षक जीएस मर्तोलिया ने कहा कि रिहर्सल करने से हमेशा ही कुछ सीखने को मिलता है। आपदा से निपटने के लिए टीम भावना का होना जरूरी है। कहा कि मॉक ड्रिल में मोबाइल फोन के बजाए वायरलेस, हैंडसेट से सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाना चाहिए।

    इस दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से सेनि. मेजर जनरल वीके दत्ता, सचिव उत्तराखंड अरविंद सिंह ह्रयांकी, पुलिस महानिरीक्षक अमित सिन्हा, अपर सचिव आपदा सी रविशंकर, अपर सचिव गृह पूरण सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वीटी अग्रवाल, एसडीआरएफ कमांडेंट जगत राम जोशी आदि मौजूद रहे।

    यह भी पढ़ें: उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, अलर्ट हुई एनडीआरएफ

    comedy show banner
    comedy show banner