उत्तराखंड में यदि बिजली कटौती हुई तो मॉडम बताएगा हकीकत
रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन (आरईसी) ग्रामीण क्षेत्र के हर फीडर पर मॉडम लगाएगा, जो पांच मिनट से ज्यादा बिजली गुल होने पर उसकी रिपोर्ट सीधे आरईसी को भेजेंगे।
देहरादून, [जेएनएन]: किस ग्रामीण क्षेत्र में कितनी देर तक बिजली गुल रही, अब इसका सटीक पता चल सकेगा। इसके लिए रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन (आरईसी) ग्रामीण क्षेत्र के हर फीडर पर मॉडम लगाएगा, जो सर्वर से जुड़ा होगा। ये मॉडम किसी भी क्षेत्र में पांच मिनट से ज्यादा बिजली गुल होने पर उसकी रिपोर्ट सीधे आरईसी को भेजेंगे। फीडरों पर मॉडम लगने के बाद उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की असलियत भी सामने आ जाएगी कि वह कितनी कटौती करता है और कितनी दर्शाता है।
प्रदेशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में 827 फीडर हैं। अभी तक इन फीडरों से होने वाली ट्रिपिंग का हिसाब-किताब मैनुअल ही रखा जाता है। यूपीसीएल के निदेशक मानव संसाधन एवं प्रवक्ता पीसी ध्यानी ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आरईसी शुरुआत में 50 फीडर पर मॉडम लगा रहा है। तीन कंपनियों को इसका जिम्मा दिया गया है। एक कंपनी ने मॉडम लगाना शुरू कर दिया है।
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उन्होंने बताया कि इससे सिस्टम में सुधार भी होगा और पारदर्शिता भी आएगी। जहां ज्यादा ट्रिपिंग हो रही है, उस फीडर में सुधार किया जाएगा। सर्वर के माध्यम से आरईसी के साथ यूपीसीएल को भी इसकी रिपोर्ट मिलती रहेगी।
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यूपीसीएल ने बनाया गीत
उपलब्धियों का बखान करने के लिए यूपीसीएल ने एक गीत बनाया है। इसमें प्रदेश के हर क्षेत्र में 24 घंटे बिजली और व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की बात कही गई है। कहा गया है कि उपभोक्ता की हर समस्या का समाधान त्वरित गति से किया जाता है। हालांकि, हकीकत तो उपभोक्ता जानते ही हैं। गीत लांच करने से पहले यूपीसीएल ने इसे वेबसाइट पर कार्मिकों की राय लेने के लिए अपलोड किया है।
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