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    उत्तराखंड में अब आधार कार्ड से लिंक होगा ड्राइविंग लाइसेंस

    By BhanuEdited By:
    Updated: Mon, 17 Oct 2016 01:08 PM (IST)

    राशन कार्ड, गैस बुक और बैंक खातों की तर्ज पर अब आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी आधार कार्ड से लिंक होगा। विभाग का मानना है कि आधार कार्ड लिंक होने से लाइसेंस बनवाना आसान हो जाएगा।

    देहरादून, [अंकुर अग्रवाल]: राशन कार्ड, गैस बुक और बैंक खातों की तर्ज पर अब आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी आधार कार्ड से लिंक होगा। लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया सरल करने व घर बैठे आवेदक को सुविधा देने के क्रम में परिवहन विभाग ने यह तैयारी कर ली है और हरी झंडी के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा है।
    विभाग का मानना है कि आधार कार्ड लिंक होने से आवेदक के लिए लाइसेंस बनवाना काफी आसान हो जाएगा। आधार कार्ड से कई दस्तावेजों की पूर्ति हो जाएगी और इसके साथ बायोमैट्रिक डाटा फीड करने की लंबी लाइन से मुक्ति के साथ ही फोटो की लाइन से भी बच सकेंगे। शासन की हरी झंडी मिलते ही राज्य के सभी आरटीओ व एआरटीओ दफ्तरों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।

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    वर्तमान प्रक्रिया में डीएल बनवाते समय ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसमें आवेदक के नाम-पते समेत निवास प्रमाण पत्र, जन्म तिथि प्रमाण पत्र एवं पहचान पत्र की फोटोकॉपी अटैच करनी होती है। फीस भी ऑनलाइन जमा होती है। फिर आवेदक को आरटीओ कार्यालय जाकर परीक्षा पास करनी होती है।
    इसके बाद बायोमैट्रिक टेस्ट होता है। इसमें अंगूठे के निशान, रेटीना साइन व फोटो ली जाती है। परिवहन विभाग के अनुसार वर्तमान में 'सारथी' सॉफ्टवेयर चल रहा है। सारथी से ही आधार कार्ड लिंक किया जाएगा। इससे बड़ा फायदा ये मिलेगा कि हर आवेदक के अंगूठे का निशान, रेटीना की फोटो विभाग को आधार कार्ड नंबर से मिल जाएगी।

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    एआरटीओ प्रशासन संदीप सैनी के मुताबिक सारथी सॉफ्टवेयर से आधार कार्ड को लिंक करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इससे काम में पारदर्शिता आएगी। साथ ही आवेदक को लंबे झंझटों से मुक्ति भी मिलेगी।
    सिर्फ परीक्षा को आना होगा
    आधार कार्ड लिंक अप होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब लोगों को आरटीओ ऑफिस केवल परीक्षा देने जाना होगा। परीक्षा में पास होने पर डीएल उसके घर डाक से पहुंचा दिया जाएगा।

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    आधार का सॉफ्टवेयर हाईटेक
    आधार कार्ड के लिए प्रयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर लाइसेंस के बायोमैट्रिक टेस्ट के लिए प्रयोग हो रहे सॉफ्टेवयर से बेहद हाईटेक है। आधार के लिए प्रयोग हो रहा सॉफ्टवेयर एक फिंगर या अंगूठे के निशान के बाद सभी अंगुलियों की सूचना दे सकता है।
    आधार कार्ड की खासियत के मद्देनजर परिवहन विभाग इस सॉफ्टवेयर को डीएल पर लागू कर रहा। सॉफ्टवेयर के लागू होने से देश में कहीं भी किसी डीएल धारक की जानकारी मिल जाएगी।

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    एक दिन में बन रहे 200 लाइसेंस
    आरटीओ ऑफिस में एक बार में करीब 25 से 30 लोग एग्जाम देकर निकलते हैं। उसके बाद बायोमैट्रिक प्रक्रिया शुरू होती है। एक व्यक्ति की बायोमैट्रिक प्रक्रिया में पांच मिनट का समय लगता है। ऐसे में 30 लोगों को लगभग ढाई घंटे का समय लग रहा है। इसकी वजह से एक दिन में मात्र 150 से 200 लाइसेंस बन पा रहे हैं।
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