उत्तराखंड में मेयर नहीं लिखेंगे कार्मिकों की सीआर
प्रदेश के नगर निगमों में अब अधिकारियों व कर्मचारियों की चरित्र पंजिका में मेयर प्रविष्टि नहीं कर सकेंगे। ...और पढ़ें

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश के नगर निगमों में अब अधिकारियों व कर्मचारियों की चरित्र पंजिका में मेयर प्रविष्टि नहीं कर सकेंगे। अलबत्ता, नगरपालिका परिषदों व नगर पंचायतों के चेयरमैन भविष्य में भी पूर्व की भांति कार्मिकों की चरित्र पंजिका में प्रविष्टि कर सकेंगे। शासन ने पालिका केंद्रीयित व अकेंद्रीयित सेवा के कार्मिकों की चरित्र प्रविष्टियां अंकित करने के बाबत नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद नगर निकायों में सीआर लिखने को लेकर अक्सर होने वाली गफलत समाप्त हो गई है।
गौरतलब है कि अब तक प्रदेश के सभी नगर निगमों में केंद्रीयित सेवा के समूह क व ख श्रेणी के सभी राजपत्रित अधिकारियों की चरित्र पंजिकाओं में नगर निगमों के मेयर प्रविष्टि अंकित करते थे, मगर शासन द्वारा नए दिशा निर्देश के अनुरूप अब मेयर ऐसा नहीं कर सकेंगे। राजपत्रित अफसरों की सीआर अब नगर निगमों में नगर आयुक्त लिखेंगे, जबकि नगरपालिकाओं व नगर पंचायतों में चेयरमैन या प्रभारी अधिकारी लिखेंगे। उक्त दोनों मामलों में चरित्र पंजिका पर अंकित प्रवृष्टियों की समीक्षा निदेशक शहरी विकास व उसकी स्वीकृति सचिव शहरी विकास करेंगे।
इसी तरह सभी अराजपत्रित अधिकारी व कर्मचारियों की चरित्र पंजिका में नगर निगमों में नगर आयुक्त प्रविष्टि करेंगे, जबकि नगरपालिका परिषदों व नगर पंचायतों में यह जिम्मेदारी उनके चेयरमैन या प्रभारी अधिकारी निभाएंगे। इन मामलों में प्रविष्टि की स्वीकृति निदेशक शहरी विकास द्वारा दी जाएगी।
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अकेंद्रीयित सेवा के समूह ग के कार्मिकों की चरित्र पंजिका में नगर निगमों में नगर आयुक्त या सहायक नगर आयुक्त प्रविष्टि करेंगे, जबकि नगर पालिका व नगर पंचायतों में अधिशासी अधिकारी प्रविष्टि करेंगे।
नगर निगमों में इसकी स्वीकृति नगर अयुक्त और नगर पालिका व नगर पंचायतों में चेयरमैन करेंगे। समूह घ के कार्मिकों की चरित्र पंजिका में वही अधिकारी प्रविष्टि करेगा व स्वीकृति देगा, जिसके साथ कार्मिक सरकारी कार्य का निर्वहन कर रहा हो।
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