पत्नी को पहाड़ी से धकेला और सास व बच्चों को गंगा में फेंका
देहरादून में दो साल पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुए एक ही परिवार के चार सदस्यों की गुत्थी सुलझ गई है। दरअसल, अवैध संबंधों के शक में यह कांड हुआ।
देहरादून, [जेएनएन]: राजधानी देहरादून में दो साल पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुए एक ही परिवार के चार सदस्यों की गुत्थी सुलझ गई है। दरअसल, अवैध संबंधों के शक में युवक ने पहले अपनी पत्नी को पहाड़ी से धकेला और फिर सास व बच्चों को गंगा नदी में फेंक दिया।
देहरादून एसएसपी स्वीटी अग्रवाल के अनुसार, हत्या की यह वारदात 13 दिसंबर 2014 से लेकर जनवरी 2015 के पहले सप्ताह के बीच अंजाम दी गई। पुलिस अभी तक पत्नी का ही शव को बरामद कर पाई है। अन्य की तलाश के लिए उत्तर प्रदेश से भी संपर्क किया गया है।
आरोपी राजीव सिंह पुत्र स्व. बलबीर सिंह निवासी इंद्रप्रस्थ एन्क्लेव शिमला बाईपास सेवला कला देहरादून ने 20 मार्च 2015 को पटेलनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पूछताछ में पहले उसने बताया कि पत्नी व बच्चों ने हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर आत्महत्या कर ली है और उसी गम में उसकी सास ने भी खुदकुशी कर ली।
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दून पुलिस ने हरिद्वार पुलिस से संपर्क साधा तो ऐसी किसी घटना की पुष्टि नहीं हुई। इस पर पुलिस ने राजीव से फिर पूछताछ करनी चाही, तो इसी दिन शाम को पुलिस को फोन कर बताया कि परिवार के लोग आ गए हैं, लिहाजा मामले में अब कोई कार्रवाई नहीं चाहता। इसके ठीक दूसरे दिन यानी 21 मार्च को राजीव घर पर सुसाइड नोट छोड़ गायब हो गया। हालांकि मामला पुलिस को अटपटा लगा। मगर परिवार के किसी सदस्य का सुराग न मिलने से पुलिस की जांच गुमशुदगी के इर्द-गिर्द ही सिमट कर रह गई।
इसी साल एक सप्ताह पूर्व पुलिस को राजीव के जिंदा होने का सुराग हाथ लगा। दरअसल, पुलिस जांच में जुटी ही थी कि पता चला राजीव ने नौ जनवरी को चंडीगढ़ के बैंक ऑफ बड़ौदा में अकांउट खुलवाया है। बैंक में जाकर पुलिस ने खाते में लगी फोटो से राजीव की फोटो का मिलान कराया। खाते की डिटेल के आधार पर राजीव को चंडीगढ़ में पकड़ लिया गया। पुलिस उसे लेकर देहरादून पहुंची।
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यहां पूछताछ में उसने परिवार के लापता सदस्यों की जो कहानी बताई उसे सुन पुलिस भी सन्न रह गई। राजीव ने बताया कि पत्नी गीतिका (35 वर्ष) को शक था कि उसका संबंध रिश्ते की एक साली से है। इस बात आए दिन झगड़े होते थे। राजीव के अनुसार उसे भी पत्नी पर शक था।
13 दिसंबर 2014 को वह बच्चों को स्कूल छोड़कर घर पहुंचा तो फिर झगड़ा हो गया और गुस्से में उसने हाकी से गीतिका के सिर पर प्रहार किया। इससे वह बेहोश हो गई। रात में राजीव उसे कार में लादकर मसूरी रोड पर कोल्हूखेत के पास ले गया और खाई में धकेल दिया।
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उसने बताया कि इसके बाद बच्चे मां के बारे में पूछने लगे। उसे लगा कि बच्चों की वजह से कहीं उसका भेद खुल न जाए, लिहाजा गीतिका को ठिकाने लगाने के तीन-चार दिन बाद बड़ी बेटी ईशिका (10 वर्ष) व छोटे बेटे अरू (2 वर्ष) को घुमाने के बहाने हरिद्वार ले गया और मंगलौर के पास गंगा में धक्का दे दिया।
उसकी सास मिथिलेश ने बेटी और बच्चों के बारे में पूछा तो बताया कि गीतिका बच्चों के साथ वैष्णो देवी गई है। मिथिलेश के बार-बार पूछताछ करने पर राजीव उसे बच्चों से मिलवाने के बहाने हरिद्वार लाया और गंगा में धक्का देकर गिरा दिया। परिवार को गायब देख गीतिका के भाई आदित्य व आशीष को दाल में कुछ काला लगा। पूछने पर वह लगातार गुमराह करता रहा। आदित्य और आशीष के ही दबाव में राजीव ने 20 मार्च 2015 को पटेलनगर में परिवार के गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
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