आसन झील में अब विदेशी परिंदों के साथ मछलियां भी करेंगी अठखेलियां
अगले वर्ष आसन वेटलैंड में प्रकृति प्रेमियों को विदेशी परिंदों के साथ ही भारतीय मेजर कॉर्प मछली भी अठखेलियां करती नजर आएंगी।
विकासनगर, [जेएनएन] : अगले वर्ष आसन वेटलैंड में प्रकृति प्रेमियों को विदेशी परिंदों के साथ ही भारतीय मेजर कॉर्प मछली भी अठखेलियां करती नजर आएंगी। मत्स्य विभाग ने आसन झील में मछली उत्पादन की योजना का काम करना शुरू कर दिया है। पहले चरण के तहत विभाग ने भारतीय मेजर कॉर्प प्रजाति की मछली के ढाई लाख बीज डाले।
देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व आसन नमभूमि क्षेत्र अब विदेशी परिंदों के प्रवास के साथ ही भारतीय प्रजाति की मछली उत्पादन के लिए भी जाना जाएगा। सूबे के मत्स्य विभाग ने इसके लिए बृहद योजना तैयार की है। इसके पहले चरण के तहत आसन झील में भारतीय प्रजाति की मछलियों का उत्पादन किया जाएगा।
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मत्स्य निदेशक जीबी ओली ने बताया कि आसन झील भारतीय प्रजाति की मेजर कॉर्प मछली उत्पादन के लिए सर्वश्रेष्ठ है। लिहाजा झील में प्रयोग के तौर पर शुरुआत में ढाई लाख मेजर कॉर्प के बीज डाले गए हैं। बताया कि इससे विदेशी परिंदों को भोजन मिलने के साथ ही आसन झील का जलीय पर्यावरण भी संतुलित रहेगा।
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उन्होंने बताया कि इससे बड़े पैमाने पर मछली उत्पादन होने से राजस्व की प्राप्ति होगी। बहरहाल आसन झील में विदेशी परिंदों के साथ मेजर कॉर्प की अठखेलियां पक्षी व प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करने के साथ ही घाटे में चल रहे जीएमवीएन के लिए भी संजीवनी साबित हो सकती है।
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