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उत्तराखंडः हरीश रावत और शीर्ष नेताओं पर बरसे किशोर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री हरीश रावत और पार्टी के शीर्ष नेताओं को निशाने पर लिया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 08 Jun 2016 11:39 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jun 2016 11:42 AM (IST)
उत्तराखंडः हरीश रावत और शीर्ष नेताओं पर बरसे किशोर

देहरादून (राज्य ब्यूरो)। प्रदेशों में कांग्रेस संगठन के भीतर असंतोष तेजी से सिर उठाने लगा है। कार्यकर्ताओं को कुछ दिग्गज नेताओं पर पार्टी की निर्भरता और हाईकमान की चुप्पी अखरने लगी है। इस कड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री हरीश रावत और पार्टी के शीर्ष नेताओं को निशाने पर लिया। प्रदेश में 55 दिन के सियासी संकट के बाद बहाल हुई सरकार का चरित्र बदलने का हवाला देते हुए उन्होंने अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी की दिक्कतें बढऩे की चेतावनी भी दी।

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प्रदेश में 55 दिन के सियासी संकट के दौरान सरकार की बहाली की लड़ाई को पूरी ताकत झोंकने वाला कांग्रेस संगठन अब संकट टलने के बाद सरकार के पैंतरों से आहत है। राज्यसभा सीट की दावेदारी को लेकर हाशिए पर फेंकने से आहत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय मंगलवार को नई दिल्ली दौरे पर रहे।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने दिल का गुबार उड़ेल दिया। दरअसल, बीती 18 मार्च को कांग्रेस के नौ विधायकों की बगावत के बाद सरकार संकट में घिर गई थी। इसके बाद राष्ट्रपति शासन के चलते 55 दिन तक खिंचे सियासी संकट में प्रदेश कांग्रेस संगठन ने प्रदेश में 500 स्थानों पर रैली निकालकर सरकार बहाली के लिए दबाव बनाने में बढ़चढ़कर भाग लिया।

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प्रदेश कांग्रेस के योगदान के मद्देनजर माना जा रहा था कि राज्यसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की दावेदारी पर विचार होगा। ऐन वक्त पर किशोर के बजाए पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा का नाम सामने आ गया। मुख्यमंत्री के करीबियों में शुमार रहे किशोर इस घटनाक्रम से सकते में हैं। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सरकार और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर खूब बरसे।

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उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना की अवहेलना के दुष्परिणाम सामने आए और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होते हुए भी पार्टी पांचों लोकसभा सीटों पर हार गई। इस बार सरकार पर जब संकट मंडराया तो पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। दोबारा सरकार बनने के बाद कार्यकर्ताओं की भावना की रक्षा नहीं की जा रही है।

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इससे असमंजस की स्थिति बन गई है। ऐसा रहा तो अगले विधानसभा चुनाव में दिक्कतें बढऩी तय हैं। किशोर उपाध्याय ने सरकार बनने के बाद उसके चरित्र में होने वाले बदलाव पर तल्ख टिप्पणी कर मुख्यमंत्री हरीश रावत को परोक्ष रूप से निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा कि जब सरकार बनानी होती है तो कार्यकर्ता याद आते हैं, लेकिन सरकार बनने पर ही उसका चरित्र बदल जाता है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत कार्यकर्ता से ही मुख्यमंत्री पद पर पहुंचे हैं। इसी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कार्यकर्ताओं को तरजीह देने पर जोर देना पड़ा।
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