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    उत्तराखंडः फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही सरकार की मुश्किलें

    By BhanuEdited By:
    Updated: Tue, 07 Jun 2016 11:55 AM (IST)

    मंत्रिमंडल में खाली दो स्थानों को भरने के लिए सियासत तेज हो गई है। अंदरूनी कलह की चर्चाओं के बीच वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि मंत्रिमंडल में गढ़वाल के अनुसूचित जाति के विधायकों को जगह मिलनी चाहिए।

    देहरादून (राज्य ब्यूरो)। नए जिलों के गठन की मांग के बाद अब मंत्रिमंडल में खाली दो स्थानों को भरने के लिए सियासत तेज हो गई है। कैबिनेट बर्थ को लेकर पार्टी में अंदरूनी कलह की चर्चाओं के बीच वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि मंत्रिमंडल में गढ़वाल के अनुसूचित जाति के विधायकों को जगह मिलनी चाहिए। उधर, संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री ने डॉ. इंदिरा हृदयेश में किसी भी तरह के असंतुलन से इन्कार करते हुए कहा कि मंत्री बनाना मुख्यमंत्री का अधिकार है।

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    सत्तारूढ़ कांग्रेस की मुश्किलें फिलहाल दूर होती नहीं नजर आ रही हैं। पहले विधायकों की बगावत के कारण पैदा राजनैतिक अस्थिरता में सूबा लगभग डेढ़ महीना राष्ट्रपति शासन के हवाले रहा तो फिर राज्यसभा चुनाव में दावेदारी को लेकर सरकार को मुसीबत का सामना करना पड़ा।
    इसके बाद नए जिलों के गठन की बात चली तो सत्तापक्ष के विधायक रूठते दिखाई दिए। पहले थराली के विधायक प्रो. जीतराम ने अपने क्षेत्र में नए जिले की मांग उठाई और फिर उसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. एपी मैखुरी ने गैरसैंण को जिला बनाने की।

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    अब ताजा मामला मंत्रिमंडल में रिक्त दो पदों को भरने से जुड़ा है। कांग्रेस और सरकार को समर्थन दे रहे बसपा विधायक मंत्री पद के दावेदार हैं। अभी 11 जून को राज्यसभा सीट के लिए मतदान होना है। अगर कुछ विधायक नाराज हो गए तो कांग्रेस की चुनावी नैया भंवर में फंस सकती है।
    लिहाजा, मुख्यमंत्री को इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रखना पड़ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री इस मामले में पार्टी में किसी तरह के कलह से इन्कार कर चुके हैं लेकिन अब भी पार्टी में सब कुछ सामान्य नहीं कहा जा सकता।

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    सोमवार को वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि राजनीतिक व समाजिक दृष्टि से उत्तराखंड एक है। उत्तराखंड सशक्त हो, हमें इस दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्री पद जल्द भरे जाने चाहिए। मंत्री पद पर गढ़वाल के अनुसूचित जाति के विधायकों को जगह मिलनी चाहिए।
    उधर, संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश का कहना है कि कैबिनेट सीट देना मुख्यमंत्री के विवेक पर है। कुछ दिनों से कुछ लोग ज्यादा ही ज्ञानी हो गए हैं। निजी स्वार्थों के लिए गढ़वाल व कुमाऊं का राग अलाप रहे हैं। इस छोटे राज्य में क्षेत्रवाद, जातिवाद व व्यक्तिवाद की जगह नहीं है। कोई इस प्रकार की बात नहीं उठा रहा है।
    रिक्त मंत्री पदों को लेकर चल रही चर्चाओं पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सब चीजें बातचीत से निकल आती हैं। वरिष्ठ जनों से बातचीत कर इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
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