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    जीएसटी: सरकारी महकमों को कर कटौती से राहत

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 30 Jun 2017 05:24 PM (IST)

    शनिवार से राज्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होगा। सरकारी निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों को भी जीएसटी में पंजीकरण कराना होगा।

    जीएसटी: सरकारी महकमों को कर कटौती से राहत

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शनिवार से राज्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने को सरकार ने कमर भले ही कस ली हो, लेकिन कारोबारियों के साथ ही सरकारी महकमों में भी पूरी तरह बदलने जा रही कर व्यवस्था को लेकर बेचैनी साफ महसूस की जा रही है। सरकारी निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों को भी जीएसटी में पंजीकरण कराना होगा। 

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    10 लाख या उससे कम टर्नओवर वाले ठेकेदारों को भी इससे राहत शायद ही मिल सके। महकमे ऐसे ठेकेदारों को तब ही टेंडर में शामिल होने की अनुमति देंगे, जब वे जीएसटी में पंजीकृत होंगे। फिलहाल सरकारी महकमे ढाई लाख से अधिक सामग्री की खरीद पर होने वाली दो फीसद की कटौती दो माह के लिए स्थगित होने से राहत महसूस कर रहे हैं।

     

    जीएसटी के दायरे में सरकारी महकमे और सरकारी निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार भी हैं। इनके लिए भी जीएसटी में पंजीकरण अनिवार्य है। सालाना 10 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले ठेकेदारों के लिए भी जीएसटी में पंजीकरण अनिवार्य है, लेकिन 10 लाख से कम टर्नओवर वाले छोटे ठेकेदारों के लिए भी पंजीकरण से बचना शायद ही मुमकिन हो। 

    दरअसल, जीएसटी प्रणाली में कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं के लिए किए जाने वाले भुगतानों के लिए स्रोत पर कर की कटौती के संबंध में महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। ये प्रावधान सभी सरकारी विभागों, संगठनों, अभिकरणों और स्थानीय निकायों के आहरण वितरण अधिकारियों पर भी अनिवार्य रूप से लागू होंगे। 

     

    डीडीओ के लिए भी पंजीकरण

    आहरण वितरण अधिकारियों (डीडीओ) को भी जीएसटी में पंजीकरण लेना होगा। सरकारी महकमों में ढाई लाख तक किसी भी खरीद पर दो फीसद कर की कटौती का प्रावधान है। ये कटौती एक फीसद राज्य जीएसटी और एक फीसद केंद्रीय जीएसटी के रूप में होनी है। जीएसटी लागू होने के बाद सरकारी महकमों में बेचैनी को देखते हुए फिलहाल स्रोत पर की जाने वाली कर की इस कटौती को दो माह के लिए स्थगित किया गया है। 

     

    छोटे ठेकेदार भी दायरे में

    सरकारी कार्यदायी एजेंसियों से जुड़े पुराने व नए ठेकेदारों को भी जीएसटी में पंजीकरण कराना होगा। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो राज्य में कुल छोटे-बड़े 38 हजार ठेकेदारों में तकरीबन 20 हजार जीएसटी में पंजीकरण करा चुके हैं, शेष को टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराना होगा। वैसे भी ठेकेदारों का टीडीएस काटा ही जाता है। 

     

    यह व्यवस्था आगे किस रूप में रहेगी, इस पर जीएसटी काउंसिल के दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। वित्त सचिव अमित नेगी के मुताबिक जीएसटी में तय प्रावधानों को सरकारी महकमों और ठेकेदारों को भी पूरा करना होगा। इसे लेकर सरकारी महकमों के वित्त नियंत्रकों और आहरण वितरण अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

     

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