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    उत्‍तर भारत में भूकंप के तेज झटके, अलर्ट हुई एनडीआरएफ

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Tue, 07 Feb 2017 04:04 PM (IST)

    उत्‍तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। केंद्र रुद्रप्रयाग रहा। धरती लगभग 30 सैकेंड तक डोलती रही।

    उत्‍तर भारत में भूकंप के तेज झटके, अलर्ट हुई एनडीआरएफ

    देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में सोमवार रात आए भूकंप से पूरा उत्तर भारत कांप उठा। भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग जिले का कालीमठ क्षेत्र था। 10 बजकर 33 मिनट और आठ सेकंड पर आए 5.8 परिमाण वाले भूकंप के झटके सभी जिलों में महसूस किए गए। भूकंप से कालीमठ के त्रियुगीनारायण, गोंडार, रांसी, कालीमठ, कविल्ठा, जाल तल्ला, जाल मल्ला, गिंवाला, चौमासी समेत अन्य गांवों में 100 से अधिक घरों में दरारें पड़ने और एक महिला और एक बच्चे के घायल होने की सूचना है।

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    देहरादून जिले के त्यूणी के अलावा चमोली जिले में कुछ स्थानों पर घरों में दरारें पड़ी हैं। उधर, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से राज्य के हालात की जानकारी ली। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सभी जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है। गृहमंत्री ने एनडीआरएफ को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री के निर्देश पर एनडीआरएफ की चार टीम रुद्रप्रयाग के लिए भेजी जा रही हैं। इधर, राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के अनुसार सभी जिलों से नुकसान के बारे में जानकारी मांगी गई है।

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    राज्य में सवा दो माह के अंतराल में छठवीं बार धरती डोली है। सोमवार को भूकंप का पहला झटका 10:33:08 बजे महसूस हुआ। कुछ देर बार दूसरा झटका भी महसूस किया गया। इसके चलते देहरादून, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, हरिद्वार, उत्तरकाशी जिलों के साथ ही कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के लगभग सभी हिस्सों में भूकंप के झटकों से गांव-शहर के भयभीत लोग घरों से बाहर निकल आए।

    धरती डोलने के साथ ही लोगों ने सर्दी की परवाह न करते हुए खुले स्थानों की ओर दौड़ लगा दी। झटके इतना तेज थे कि कुर्सी-मेज, पंखे, टीवी आदि हिलने लगे। देहरादून, हरिद्वार समेत अन्य स्थानों पर जगह-जगह लोगों का जमावड़ा सुरक्षित स्थानों पर आ लगा। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद मोबाइल घनघनाने लगे और लोग मध्य रात्रि तक एक-दूसरे की कुशलक्षेम पूछते रहे। हालांकि, इस दरम्यान मोबाइल सेवाएं भी कुछ देर के लिए गड़बड़ा गई थीं।

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    राज्य मौसम केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार भूकंप का केंद्र अक्षांक्ष 30.5 डिग्री उत्तर और देशांतर 79.1 डिग्री पूरब में रुद्रप्रयाग जिले में था। 33 किमी की गहराई में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.8 थी। उनके मुताबिक भूकंप अधिक गहराई में था, लिहाजा नुकसान अधिक होने की संभावना न के बराबर है।

    PICS: रुद्रप्रयाग में था भूकंप का केंद्र, घरों को पहुंचा नुकसान

    उधर, भूकंप आने के करीब पौन घंटे बाद जगह-जगह मशीनरी सक्रिय हो गई। रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी रंजना ने बताया कि कालीमठ क्षेत्र में घरों में दरारें पडऩे और एक महिला व बच्चे के घायल होने की सूचना मिली है। एंबुलेंस के साथ टीम मौके के लिए रवाना कर दी गई है। स्थिति पर नजर रखने के लिए एडीएम तीरथ पाल सिंह और एसपी पीएन मीणा समेत सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है।

    PICS: उत्तराखंड में भूकंप के तेज झटके, लोग घरों से निकले बाहर

    चमोली के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने बताया कि चमोली जिले में कुछ मकानों में दरारें पड़ने की सूचना मिली है। जनहानि की सूचना नहीं है। उत्तरकाशी में जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव, आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल व डीएफओ संदीप कुमार आपदा प्रबंधन केंद्र पहुंचे और जानकारी ली। टिहरी के डीएम इंदुधर बौड़ाईं ने बताया कि सभी एसडीएम को अलर्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि भूकंप से टिहरी बांध को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हरिद्वार के डीएम एसए मुरुगेशन के मुताबिक सभी एसडीएम और तहसीलदारों का अलर्ट पर रखा गया है।

    उत्तराखंड के बड़े भूकंप

    वर्ष-------क्षेत्र------तीव्रता

    1720---कुमाऊं----6.5

    1803--बदरीनाथ--9.0

    1809---पौड़ी---9.0

    1816---गंगोत्री---7.0

    1816---कुमाऊं--6.5

    1833---कुमाऊं--7.5

    1869--नैनीताल---6.0

    1916--धारचूला---7.5

    1937---देहरादून--8.0

    1958---कुमाऊं---6.3

    1964--कुमाऊं---6.2

    1966--कपकोट--6.3

    1968--धारचूला--7.0

    1991---उत्तरकाशी--6.6

    1999---चमोली---6.8

    2006-- इंडो चाइना बॉर्डर-- 5.2

    2006---इंडो चाइना बॉर्डर---5.0

    2006---इंडो नेपाल बॉर्डर-- 5.0

    2007---उत्तरकाशी-- 5.0

    2012-- उत्तरकाशी-- 5.0

    2016---नेपाल-भारत बॉर्डर-- 5.2

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