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स्वच्छता सर्वेक्षण में दून को मिली बड़ी उपलब्धि, जानें- इस बार कौन सा स्थान किया हासिल

दून शहर अब स्वच्छता के पैमाने पर आगे बढ़ने लगा है। केंद्र सरकार की ओर से देश के स्वच्छ शहरों के जो आंकड़े गुरुवार को जारी किए उससे तो यही साबित होता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 04:21 PM (IST)
स्वच्छता सर्वेक्षण में दून को मिली बड़ी उपलब्धि, जानें- इस बार कौन सा स्थान किया हासिल
स्वच्छता सर्वेक्षण में दून को मिली बड़ी उपलब्धि, जानें- इस बार कौन सा स्थान किया हासिल

देहरादून, जेएनएन। अपना दून शहर अब स्वच्छता के पैमाने पर आगे बढ़ने लगा है। केंद्र सरकार की ओर से देश के स्वच्छ शहरों के जो आंकड़े गुरुवार को जारी किए, उससे तो यही साबित होता है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में दून नगर निगम ने 260 स्थानों के सुधार के साथ इस साल 124वां पायदान हासिल किया। गुजरे साल दून 384वें नंबर पर था। यही नहीं, राज्य में समस्त नगर निगमों में देहरादून अव्वल रहा है। महापौर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि 'दून ने पिछले एक साल में स्वच्छता के लिहाज से बेहद सुधार किया है। यह सुधार जारी रखते हुए हमारा लक्ष्य अगली बार पहले 50 स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल होने का है।'

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स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम जारी होने के बाद गुरुवार दोपहर नगर निगम दफ्तर में संयुक्त प्रेस वार्ता में महापौर गामा ने बताया कि प्रदेश के समस्त नगर निगमों में देहरादून ने पहला स्थान पाया है और इसका प्रदर्शन राष्ट्रीय और राज्य के औसत से बेहतर रहा है। नगर आयुक्त पांडेय ने बताया कि देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 की शुरुआत एक अप्रैल 2019 से शुरू हुई और 31 जनवरी 2020 तक चली। इस बार तिमाही प्रक्रिया के आधार पर अप्रैल, मई और जून और फिर जुलाई, अगस्त और सितंबर में सर्वेक्षण कार्य हुआ। देहरादून ने साल 2017 में 316वां, साल 2018 में 257वां और साल 2019 में 384वां स्थान हासिल किया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण में हर साल कुल शहरों की संख्या या अन्य मापदंडों में बदलाव भी किए। 

इस बार सरकार ने एक लाख से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी बनाई थी, जिसमें देहरादून नगर निगम भी शामिल था। दून 124वें नंबर पर रहा और यह उपलब्धि सरकार, नगर निगम एवं आमजन के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है। नगर आयुक्त ने दावा किया कि देहरादून देश का पहला निगम है, जिसने इस साल सर्वेक्षण में सर्वाधिक स्थानों की छलांग लगाते हुए सुधार किया है। महापौर गामा ने बताया कि पिछले साल देहरादून प्रदेश के छह नगर निगमों में पांचवें पायदान पर था, मगर इस बार जबरदस्त सुधार करते हुए दून प्रदेश में पहले नंबर पर आया है।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई

दून शहर में स्वच्छता को लेकर सुधार और इसके प्रदेश में पहले नंबर पर आने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महापौर गामा, नगर आयुक्त पांडेय और शहरवासियों को बधाई दी है। सर्वेक्षण के परिणाम आने पर महापौर और नगर आयुक्त ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री रावत बोले कि काफी सुधार तो हो चुका है और काफी कुछ बाकी भी है। सुधार के प्रयास हमें जारी रखने हैं और बेहतरी की तरफ जाना है।

382 शहरों में हुआ मुकाबला

केंद्र ने इस बार आबादी के हिसाब से शहरों की श्रेणी तय की हुई थी। एक से दस लाख तक की आबादी वाली श्रेणी में 382 शहर शामिल थे। वहीं, साल 2019 में 425 शहरों के बीच मुकाबला था।

सिटीजन फीडबैक में शामिल हुए 82 हजार शहरवासी

सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक कैटेगरी में हुई वोटिंग ने भी दून नगर निगम को आगे बढ़ाया। इस बार 82 हजार लोगों ने इसमें फीडबैक दिया। जनवरी के आखिरी हफ्ते में हुए सिटीजन फीडबैक की वोटिंग में दून और रुड़की के बीच कड़ा मुकाबला चला। अंत में दून ने इसमें बाजी मारी। वोटिंग के लिए नगर निगम ने दर्जनों टीमें बनाकर हर वार्ड में भेजीं व आमजन को जागरूक कर वोटिंग कराई। नगर आयुक्त ने कहा कि यह बेहतर टीमवर्क का परिणाम है।

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के दौरान मैं उस वक्त जनवरी 2019 में नगर आयुक्त का पद संभालने पहुंचा, जब सर्वेक्षण अंतिम चरण में था। लेकिन, इस बार मेरे पास पूरा साल था और यही प्रयास था कि किसी भी तरह पहले 100 शहरों की सूची में शामिल होना है। अपने प्रयास, टीम और शहरवासियों के योगदान से हम इस लक्ष्य के बेहद नजदीक पहुंच गए हैं। पूरे देश में ऐसा कोई भी शहर नहीं जिसने पिछली रैकिंग में 260 अंक का उछाल पाया हो। अब अगला लक्ष्य तय हो चुका है।

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महापौर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि दो साल पहले नगर निगम के चुनाव के समय मैनें दूनवासियों से यही वादा किया था कि मेरा प्रयास दून नगर निगम को देश के श्रेष्ठ नगर निगम बनाने का रहेगा। मेरा पूरा फोकस स्वच्छता पर ही रहा। शहर को पॉलीथिन मुक्त करने के प्रयास में 50 किमी लंबी मानव श्रृंखला भी बनाई गई। शहर में कूड़े के उठान के हालात बेहद सुधरे हैं और कूड़े का निस्तारण भी अब गति पकड़ रहा है। इस उपलब्धि में सभी पार्षदों, निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों और शहरवासियों का पूरा योगदान है।

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