डीएम साहब! यह कैसा तहसील दिवस, अधिकारी तो आते ही नहीं...
तहसील दिवस तो आयोजित कर दिए जाते हैं, लेकिन वे जनता के किसी के काम का नहीं होते। फरियादी तो समय से पहुंच जाते हैं, लेकिन अधिकारी हैं कि आने का नाम नह ...और पढ़ें

देहरादून। तहसील दिवस तो आयोजित कर दिए जाते हैं, लेकिन वे जनता के किसी के काम का नहीं होते। फरियादी तो समय से पहुंच जाते हैं, लेकिन अधिकारी हैं कि आने का नाम नहीं लेते। ऐसा ही कुछ यहां आज देखने को मिला। मायूस फरियादियों की जुबां पर यही बात थी कि डीएम साहब! यह कैसा तहसील दिवस।
गौरतलब है कि हर माह के पहले मंगलवार को तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है। इसके तहत आज देहरादून तहसील में तहसील दिवस का आयोजन किया गया। सुबह दस बजे तक फरियादी तो पहुंचे, लेकिन कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे। करीब सवा 11 बजे जल संस्थान के जेई पहुंचे। इसके 10 मिनट बाद खाद्य विभाग के अधिकारी आए और उसी समय तहसीलदर पहुंचे। इसके अलावा कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। तब तक सारे फरियादी लौट चुके थे। इस दौरान सहस्रधारा रोड निवासी कमला देवी ने बताया के वृद्धावस्था पेंशन के लिए वह कई महीने से चक्कर काट रही है, लेकिन अभी तक उसकी पेंशन नहीं लग पाई। इसी कारण वह तहसील दिवस पर आई थी, लेकिन समाज कल्याण विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं। मायूस होकर उसे वापस लौटना पड़ा। बता दें कि पिछले महीने भी तहसील दिवस में नाम मात्र के अधिकारी पहुंचे।
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