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    गैसरैंण सत्र में हंगामा, आठ विधेयक पारित, सदन अनिश्चितकाल तक स्थगित

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Tue, 03 Nov 2015 08:16 PM (IST)

    उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का गैरसैंण में दूसरे दिन भी हंगामे के साथ आगाज हो गया। विपक्ष ने स्थायी राजधानी को लेकर भाजपा का हंगामा किया। इसक ...और पढ़ें

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    गैरसैण (चमोली)। गैरसैंण विधानसभा सत्र के दूसरे दिन स्थायी राजधानी के मुद्दे पर सदन में विपक्षी दल भाजपा के हंगामे शोरगुल के बीच सरकार ने अनुपूरक बजट समेत आठ विधेयक पारित किए। सदन में 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के बाद हुए कार्यों की कैग रिपोर्ट भी पेश की गई। इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहने पर विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
    सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई भाजपा के विधायकों ने स्थायी राजधानी के मुद्दे पर समस्त नियमों का निलंबन करते हुए चर्चा की मांग की। भाजपा विधायक अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाने लगे ओर वेल में आ गए।
    इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया। इसके बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भाजपा ने स्थायी राजधानी के मुद्दे पर चर्चा की मांग जारी रखी। इसके सदन में शोरगुल होता रहा। इसी शोरगुल के बीच ही सरकार ने अनुपूरक बजट व आठ विधेयक पारित किए। हंगामा जारी रहने पर सदन को तीन बजे तक स्थगित कर दिया गया।
    तीन बजे बाद सदन फिर शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने जोरदार ढंग से स्थायी राजधानी के मुद्दे पर चर्चा की मांग उठाई। इस दौरान मार्शल के साथ भाजपा विधायकों की धक्कामुक्की हुई और इसके चलते फर्नीचर भी अस्तव्यस्त हो गया। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने विपक्ष के सदस्यों को शांत कराने का काफी प्रयास किया। लेकिन, सदन अव्यवस्थित बने रहने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
    सत्र के अनिश्चितकाल के स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विपक्ष पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष हिट और रन की नीति पर चलकर हंगामा कर रहा है। सरकार पर कीचड़ उछाला जा रहा है।
    उन्होंने कहा कि मुद्दों से विपक्ष का कोई लेना देना नहीं है। बेहतर होता कि सदन में जनहित के मुद्दों को विपक्ष उठाता और सरकार को इन मामलों में जवाबदेही के लिए बाध्य करता।

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