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    उत्तराखंड में बनेगी देश की सबसे लंबी रेल सुरंग

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Fri, 09 Sep 2016 06:00 AM (IST)

    प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर देश में अब तक की सबसे लंबी सुरंग बनने जा रही है। जिसकी लंबाई 15 किलोमीटर होगी।

    ऋषिकेश, [दुर्गा नौटियाल]: एशिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे के खाते में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के साथ ही एक उपलब्धि और जुड़ जाएगी। प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर देश में अब तक की सबसे लंबी सुरंग बनने जा रही है। जिसकी लंबाई 15 किलोमीटर होगी। अभी तक भारतीय रेलवे जम्मू-कश्मीर में ही सबसे लंबी रेल सुरंग बना पाया है, जो सवा ग्यारह किलोमीटर लंबी है।

    भारतीय रेलवे की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना अपने आप में कई मायनों में अनूठी है। 125 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर कुल 16 सुरंगें और 16 पुल बनने हैं। बड़ी बात यह कि इस रेल लाइन पर देश में अब तक की सबसे लंबी सुरंग बनने जा रही है। जिसकी लंबाई 15.100 किलोमीटर होगी। देश में अब तक सबसे लंबी रेल सुरंग उत्तर रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2013 में तैयार की थी। जबकि, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की बात करें तो यहां प्रस्तावित 16 सुरंगों में से पांच सुरंग नौ किलोमीटर से भी लंबी हैं। इसके अलावा छह सुरंगें छह से नौ किलोमीटर तक लंबाई की हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर इसी वर्ष नंवबर-दिसंबर में काम शुरू होने की उम्मीद है।

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    पढ़ें:-ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का कार्य सात साल में होगा पूरा: एके पुथिया

    छह किमी से लंबी सुरंग में बनेगी निकासी सुरंग
    ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की एक और खासियत यह है कि इस पर रेल सिर्फ 20 किलोमीटर का सफर ही खुले आसमान के नीचे तय करेगी। बाकी रेल लाइन का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा। इस रेल लाइन पर छह किलोमीटर व इससे अधिक लंबाई की प्रत्येक सुरंग पर एक निकासी सुरंग भी बनाई जाएगी। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच प्रस्तावित 18 सुरंगों में से 11 सुरंगों की लंबाई छह किलोमीटर से अधिक है। इन सभी के साथ निकासी सुरंगें बनाई जानी हैं, जो आपात स्थिति में काम आएंगी।

    रेल यात्रियों को महसूस नहीं होगी घुटन
    ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर जब यात्री 105 किलोमीटर का सफर 18 सुरंगों से तय करेंगे तो यहां उन्हें किसी भी तरह की घुटन महसूस नहीं होगी। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि इन सुरंगों में वेंटीलेशन की पर्याप्त व्यवस्था होगी। वेंटीलेशन सिस्टम पूरी तरह से आधुनिक व तकनीकी से लैस होगा। प्रत्येक सुरंग का डायमीटर आठ से दस फीट का होगा।

    पढ़ें:-ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल सेवा को हो रहा काम

    देश की सबसे लंबी पांच रेल सुरंग
    टनल का नाम-जगह-लंबाई
    पिर पंजल-जम्मू कश्मीर-11.215 किमी
    करबड़े-महाराष्ट्र-6.506 किमी
    नाथूवाड़ी-महाराष्ट्र-4.389 किमी
    टाइक-महाराष्ट्र-4.077 किमी
    बर्डेवाड़ी-महाराष्ट्र-4.000 किमी

    ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर प्रस्तावित सुरंग
    ढालवाला से शिवपुरी-10.850 किमी
    शिवपुरी से गूलर-6.470 किमी
    गूलर से व्यासी-6.720 किमी
    व्यासी से कौड़ियाला-2.200 किमी
    कौड़ियाला से बागेश्वर-9.760 किमी
    राजचौरा से पौड़ी नाला-220 मीटर
    पौड़ी नाला से सौड़ (देवप्रयाग)-1.230 किमी
    सौड़ से जनासू-15.100 किमी
    लछमोली से मलेथा-2.800 किमी
    मलेथा से नैथाणा (श्रीनगर)-4.120 किमी
    श्रीनगर से परासू (धारी)-9.000 किमी
    परासू से नरकोट-7.080 किमी
    नरकोट से तिलनी-9.420 किमी
    तिलनी से घोलतीर-6.460 किमी
    घोलतीर से गोचर-7.160 किमी
    रानो से सिवई-6.400 किमी

    सुरंगों के लिए हो चुका भूगर्भीय सर्वेक्षण
    रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओम प्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर 18 सुरंगों के लिए भूगर्भीय सर्वेक्षण हो चुका है। सुरंग निर्माण के लिए टीबीएम (टनल बोङ्क्षरग मशीन) व एनएटीएम (न्यू आस्ट्रीयन टनलिंग मैथड) से काम किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में अब तक की सबसे बड़ी रेल सुरंग का निर्माण करने वाले इंजीनियर व विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।

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