उत्तराखंडः चुनाव से पहले कांग्रेस जनता की अदालत में देगी दस्तक
चुनाव से पहले कांग्रेस जनता की अदालत में दस्तक देने की तैयारी कर रही है। अगले माह सितंबर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रत्येक जिलों में पैदल व वाहन यात्रा कर जनता से मुलाकात करेंगे।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य में विधानसभा चुनाव को हालांकि अभी छह माह का समय शेष है, लेकिन प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां अब चुनावी मोड में आ चुकी है। चुनाव से पहले कांग्रेस जनता की अदालत में दस्तक देने की तैयारी कर रही है।
अगले माह सितंबर से मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदेश के प्रत्येक जिलों में पैदल व वाहन यात्रा कर जनता से मुलाकात करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री भाजपा की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर जनता की राय भी लेंगे।
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बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस दौरान प्रत्येक जिले में सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे। जनता को सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भी चुनावी मोड पर लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से हुई मुलाकात की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष व स्वयं उन्होंने पार्टी उपाध्यक्ष को प्रदेश की मौजूदा स्थिति के संबंध में अवगत कराया।
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मुलाकात के दौरान केंद्रीय उपाध्यक्ष से अक्टूबर माह में उत्तराखंड आने का भी अनुरोध किया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद पार्टी की समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक में चुनाव को लेकर संगठन स्तर से की जा रही तैयारियों पर चर्चा की गई।
चुन-चुन कर हार में डालेंगे मोती
संगठन की ओर से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को लालबत्ती दिए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मोती चुन लेंगे और हार में चुन-चुन कर मोती डालेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लालबत्तियों पर जितना अन्य मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में खर्च हुआ है उनके मुकाबले उनके मुख्यमंत्रित्व काल में बहुत कम खर्च हुआ है। उन्होंने कहा कि राजनीति में हर व्यक्ति पहचान चाहता है।
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पीडीएफ को लेकर कोई चर्चा नहीं
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने कहा है मिलजुल कर काम करें। मुलाकात के दौरान पीडीएफ को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि उनका पार्टी व अन्य दोस्तों से आग्रह है कि जो कहना है, उनके पास आकर कहें। गौरतलब है कि पीडीएफ को लेकर कांग्रेस संगठन मुखर है तो वहीं पीडीएफ के मंत्री दिनेश धनै भी कांग्रेस संगठन को निशाने पर ले चुके हैं।
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