अस्पताल प्रशासन पर नवजात को गायब करने का आरोप
देहरादून में पुलिस में एक व्यक्ति ने अस्पताल प्रशासन पर डिलीवरी के दौरान एक नवजात को गायब कराने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।
विकासनगर, [जेएनएन]: कोतवाली में एक व्यक्ति ने लेहमन अस्पताल प्रशासन पर डिलीवरी के दौरान एक नवजात को गायब कराने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली में दी तहरीर में अजय कुमार पुत्र भवानी प्रसाद निवासी ग्राम मेहूंवाला खालसा तेलपुर ने कहा कि उसकी पत्नी मंदा जून 16 में गर्भवती हुई थी। पहले सीएचसी विकासनगर में उपचार कराया, लेकिन 17 अगस्त 2016 से हरबर्टपुर मसीही अस्पताल में चेकअप शुरू कराया।
रूटीन चेकअप नवंबर 16 में अस्पताल की चिकित्सक के कहने पर उसने कलर अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें पत्नी के गर्भ में दो बच्चे होने की रिपोर्ट दी गई। रिपोर्ट के अनुसार दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ थे। अल्ट्रासाउंड के आधार पर मसीही अस्पताल की महिला चिकित्सक ने भी मंदा के चेकअप में गर्भ में पल रहे दोनों बच्चों को स्वस्थ्य बताया।
एक फरवरी 2017 में महिला चिकित्सक ने दोबारा अल्ट्रासाउंड के बाद चेकअप में भी दोनों बच्चों को स्वस्थ बताया और प्रसव की संभावित तिथि 18 मार्च 2017 दी गई। एक मार्च को रूटीन चेकअप के दौरान महिला चिकित्सक ने मां व बच्चों को स्वस्थ बताते हुए कहा कि जब भी प्रसव पीड़ा हो पत्नी को तुरंत लेकर आना। दो मार्च की सुबह 11 बजे के करीब पत्नी मंदा को प्रसव पीड़ा हुई तो वह पत्नी को लेकर मसीही अस्पताल गया। जहां पर महिला चिकित्सक ने उसे भर्ती कर लिया।
उसी दिन सायं पांच बजे के करीब पत्नी मंदा का सीजेरियन आपरेशन कर दिया गया। आपरेशन के पश्चात महिला चिकित्सक ने कहा कि मंदा को एक ही बच्चा पैदा हुआ है और मंदा को आपरेशन थियेटर से जच्चा बच्चा वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। अजय कुमार का आरोप है कि जब दूसरे बच्चे के बारे में पूछा गया तो महिला चिकित्सक व अस्पताल प्रशासन द्वारा संतुष्टिपरक जवाब नहीं दिया गया। उसे लगातार गुमराह किया जाता रहा। चार मार्च को उसकी पत्नी मंदा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।
कोतवाल संदीप नेगी के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। इस संबंध में पैनल से मामले की जांच कराने के लिए उचित माध्यम से सीएमओ को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है।
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