बच्ची बेचने का प्रकरण: महिला आयोग की उपाध्यक्ष को टहलाती रही पुलिस
धोखा देकर महिला से शादी करके पैदा हुई बेटी को बेचने के मामले में राज्य महिला आयोग का आरोप है कि पुलिस अधिकारी दूसरे थाने की बात कहकर गच्चा दे रहे हैं।
काशीपुर, [जेएनएन]: महिला को प्रेम जाल में फंसाकर बेटी बेचने के मामले में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अमिता लोहनी को घटना स्थल की सीमाओं को लेकर पुलिस टहलाती रही। पुलिस की इस कार्यशैली से आजिज उपाध्यक्ष एएसपी दफ्तर पहुंचीं।
यहां बता में कि मूलरूप से ग्राम ढोन, तहसील थैलीसैंण, पौड़ी-गढ़वाल निवासी मनीषा पुत्री उदयराम ढोंडियाल का विवाह गांव में ही 2011 में हुआ था। तीन माह बाद तलाक हो गया।
इसके बाद वह काशीपुर के गड्ढा कालोनी में किराये पर रहकर एक फैक्ट्री में काम करने लगी। अपने गांव आने-जाने में उसकी मुलाकात बस परिचालक ग्राम सोली, तहसील धूमाकोट, पौड़ी-गढ़वाल निवासी महीपाल राणा पुत्र जगत सिंह राणा से हो गई। युवक ने स्वयं को अविवाहित बताकर 21 नवंबर 2014 को गर्जिया माता मंदिर, रामनगर में शादी कर ली। जबकि वह शादीशुदा था।
उसने इस मामले को अंधेरे में रखकर शारीरिक संबंध बनाया। इससे 29 नवंबर 2015 को काशीपुर के एक निजी अस्पताल में एक बेटी पैदा हुई। अस्पताल से ही युवक ने महिला का जबरन अंगूठा लगवाकर नवजात बेटी को 30 हजार रुपये में बेच दिया।
पति दूसरी बेटी को भी बेचने की बात कहने लगा, तो उसने विरोध जताया। इस बीच युवक ने उससे जेवरात और दो लाख रुपये भी ले लिए। मामला महिला आयोग पहुंचा तो महिला आयोग की उपाध्यक्ष उसे लेकर रामनगर कोतवाली पहुंची। जहां से उन्हें काशीपुर का मामला बताकर काशीपुर कोतवाली भेज दिया। जब वह रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली पहुंची, तो पुलिस ने आइटीआइ थाने का मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया। वह आइटीआइ थाना पहुंची तो थाना प्रभारी नरेश चौहान ने महिला उपाध्यक्ष को एएसपी दफ्तर भेज दिया।
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