ऋषिकेश में बाढ़ से निपटने को प्रशासन ने की मॉक ड्रिल
टिहरी डैम से तीन हजार कुमेक्स पानी छोड़े जाने से ऋषिकेश में गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि से बाढ़ की आशंका को लेकर प्रशासन ने मॉक ड्रिल की।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: टिहरी डैम से तीन हजार कुमेक्स पानी छोड़े जाने से ऋषिकेश में गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। तटीय इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई। यह भी सूचना है की बाढ़ में तहसीलदार बह गए हैं। पुलिस व राज्य के आपदा प्रबंधन दाल ने समूचे ऋषिकेश क्षेत्र में मोर्चा संभालते हुए प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
गुरुवार सुबह करीब 11:30 बजे आए इस तरह के एक समाचार ने सभी को चौंका कर रख दिया। दरअसल, यह प्रशासन का एक मॉक ड्रिल था। इसमें इस तरह की इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन खुद को परखने की कोशिश कर रहे थे। गुरुवार प्रात 11:35 पर पुलिस के वायरलेस सेट पर कुछ इसी तरह का मैसेज दिया गया। हालांकि, इस मॉक ड्रिल के लिए प्रशासन पहले से ही चौकस था। बावजूद इसके बचाव कार्य में कई तरह की खामियां नजर आई।
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गंगा तट के जिन आबादी वाले क्षेत्रों को बाढ़ से सबसे अधिक खतरा था वहां बचाव दल बड़ी मुश्किल से पहुंच पाया। यही नहीं वायरलेस सेट पर और पुलिस कंट्रोल रूम को इस तरह की सूचना होने के बाद भी स्थानीय पुलिस की मुस्तैदी बहुत अधिक नहीं दिखी।
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ व पुलिस की टीम बचाव कार्य में जुटी रही। बचाव कार्य के लिए चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड व हर्बल गार्डन को बेस कैंप बनाया गया था। गंगा में कई राफ्टे भी बचाव कार्य के लिए उतारी गईं। विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मॉकड्रिल में शामिल रहे।
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