किडनी ट्रांसप्लांट प्रकरण: काठमांडू में छिपे हैं आरोपी दंपती!
किडनी गैंग में शामिल आरोपी दंपती की लोकेशन इस समय पड़ोसी देश नेपाल की राजधानी काठमांडू में मिली है।
देहरादून, [जेएनएन]: किडनी गैंग में शामिल नामजद डाक्टर डॉ. संजय दास को लेकर भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मूलत: बिहार के रहने वाले डॉ. दास की पत्नी भी चिकित्सक हैं और दोनों ही अमित के द्वारा किए जाने वाले हर आपॅरेशन में साथ रहते थे। यही नहीं, पुलिस को यह भी शक है कि यह डाक्टर दंपति बिहार और उससे लगते उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से किडनी प्रत्यारोपित कराने वालों को लेकर देहरादून आते थे। फिलहाल दोनों की लोकेशन इस समय पड़ोसी देश नेपाल की राजधानी काठमांडू में मिली है।
मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही किडनी गैंग की चौंकाने वाली करतूतें सामने आने लगी हैं। एसआइटी की छानबीन में पता चला है कि डॉ.संजय दास दास पुत्र छोटेलाल दास निवासी नगर परिषद वार्ड नंबर 5 फोर्सगंज अररिया बिहार एनेस्थेटिक (बेहोशी की दवा की डोज देने वाला डाक्टर) है, जबकि उसकी पत्नी सुषमा कुमारी पुत्री रतन लाल केडिया निवासी सोनबरसा सहरसा बिहार एमबीबीएस डिग्रीधारी है। यह दोनों अमित के संपर्क में कैसे आए, इसका खुलासा तो पुलिस ने अभी नहीं किया है।
लेकिन अधिकारियों की मानें तो संजय दास बिहार से ऐसे लोगों को तलाशता था, जिनकी किडनी खराब हो चुकी है। ऐसे लोगों को बरगला कर देहरादून लाने की जिम्मेदारी उसी की थी। गरीब तबके लोगों को किडनी बेचने के लिए तैयार करना भी उनकी जिम्मेदारी में शामिल था। वे भी अमित के बताए तरीके से इश्तहार देकर नौकरी के नाम पर लोगों को फांसते थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि जब कोई मरीज गिरोह के इरादे भांप जाता और किडनी देने में आनाकानी करने लगता तो संजय उसे जबरन इंजेक्शन देकर बेहोश कर देता। इसके बाद उसकी किडनी निकाल ली जाती।
एसपी ग्रामीण सरिता डोबाल ने बताया कि संजय दास और उसकी बीवी सुषमा दोनों ने काठमांडू से मेडिकल की डिग्री हासिल की है। दोनों का अररिया जिले में अस्पताल है। दोनों के बारे में बिहार पुलिस को जानकारी दे दी गई है। मुखबिर तंत्र से पता चला है कि दोनों अमित के पकड़े जाने के बाद नेपाल भाग गए। दोनों की धरपकड़ के लिए नेपाल पुलिस से संपर्क किया जा रहा है।
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