उत्तराखंड में डेंगू पीड़ितों की संख्या 200 पहुंची, स्वास्थ्य महकमा लाचार
डेंगू का मच्छर तंत्र को मुंह चिढ़ा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि इसे बिना वजह हौवा बना दिया गया, जबकि वास्तविकता यही है कि इसका प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: डेंगू का मच्छर तंत्र को मुंह चिढ़ा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि इसे बिना वजह हौवा बना दिया गया, जबकि वास्तविकता यही है कि इसका प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या 200 पहुंच गई। इनमें सर्वाधिक संख्या देहरादून से है। दून में अब तक 188 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जबकि, जनपद नैनीताल में 10 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। इसके अलावा दो मरीज उत्तर प्रदेश से आए हैं।
दून में डेंगू पीडि़त मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गत दिवस को 10 और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। इनमें पथरीबाग के छह, लक्खीबाग के दो और देहराखास व सहस्रधारा रोड के एक-एक मरीज शामिल हैं। डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप पथरीबाग में है।
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पथरीबाग में बीती 15 जुलाई से दो अगस्त के बीच जिन 961 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए थे। इनमें कुल 135 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. कुसुम नरियाल के अनुसार डेंगू से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
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डेंगू के मद्देनजर राज्य में अब तक 2303 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं। इनमें देहरादून में 2157 और नैनीताल जनपद में 144 ब्लड सैंपल लिए गए। इन सैंपल में 200 की एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से फॉगिंग व जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। शिविर लगाकर संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं।
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