बाघ की दहाड़ से सहमा टनकपुर, पानी पिया और भाग गया जंगल
टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा बस्तिया गांव 24 घंटे से अधिक समय तक बाघ की दहाड़ से गूंजता रहा। इस दौरान लोगों में दहशत बनी रही।
टनकपुर, चंपावत [जेएनएन]: टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा बस्तिया गांव 24 घंटे से अधिक समय तक बाघ की दहाड़ से गूंजता रहा। इस दौरान लोगों में दहशत बनी रही। वन कर्मियों ने उसे पकड़ने को अभियान चलाया, लेकिन वह शान से दहाड़ता हुआ गांव के रास्ते से होकर जंगल की ओर चला गया।
गत दोपहर बस्तिया जंगल के करीब खड़क सिंह धौनी के बगीचे में बाघ घुस आया था। वह काफी देर तक वही रहा। बाघ की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। इसके बाद उन्होंने बाघ को पकड़ने के लिए आपरेशन चलाया। इसके लिए हल्द्वानी से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई।
टीम ने रात भर बाघ को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। हवा में फायर दागने पर भी वह वहां से नही गया। वह बार-बार भीड़ को टकटकी लगाते हुए देखता रहा।
तड़के करीब तीन बजे बाघ के लिए वन विभाग ने पानी का टब रखा। बाघ ने आराम से पानी पिया और कुछ क्षण तक वह दहाड़ मारते रहा। उसके बाद वह जंगल की ओर भाग गया। अभी भी दहशत में जी रहे ग्रामीणों ने कहा कि बाघ फिर कभी भी गांव में प्रवेश कर नुकसान पहुंचा सकता हैं।
शारदा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी ख्याली राम के मुताबिक बाघ की उम्र करीब 14 वर्ष हैं। ग्रामीणों में अभी भी इस बात का रोष हैं कि टीम द्वारा बाघ को पकड़ा नही जा सका। वन विभाग पूरी कोशिश कर रहा है। जल्द ही बाघ पकड़ा जाएगा।
बाघ के व्यवहार से आश्चर्य
अक्सर जंगली जानवर भीड़भाड़ देखकर भाग जाते है। इस बाघ के अलग व्यवहार से सभी आश्चर्यचकित है। बाघ रात भर पेड़ की ओट पर बैठा रहा। लोगों को देख दहाड़ता रहा लेकिन वह अपनी जगह से नही हिला।
लोगों में फोटो खींचने की होड़
बाघ खेतों में घुसा और वहां से गया। इस दौरान लोगों ने जमकर फोटो भी खींची। बाघ को देखने के लिए उससे कुछ दूर लोगों की भीड़ भी जमा हो गई थी।
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